पटना

तारापुर व कुशेश्वरस्थान में वोटिंग संपन्न, कुशेश्वरस्थान में 49% तो तारापुर में 50.04% वोटिंग


(आज समाचार सेवा)

पटना/हवेली खडग़पुर/ तारापुर। बिहार विधानसभा की दो विधानसभा सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान में शनिवार को वोटिंग संपन्न हुई। सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। कुशेश्वरस्थान में 49 प्रतिशत तो तारापुर में 50.04 प्रतिशत वोटिंग हुई है। आम चुनाव 2020 की तुलना में दोनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तारापुर में 54.43 प्रतिशत, जबकि कुशेश्वरस्थान में 55.8 फीसदी वोटिंग हुई थी। उपचुनाव में दोनों सीटों पर कुल 54 महिला बूथ बनाए गए थे। इसमें महिला वोटर के साथ सारे मतदान कर्मी और सुरक्षा कर्मी भी महिलाएं ही थीं। कुशेश्वरस्थान में 44 बूथ और तारापुर में 10 महिला बूथ बनाए गए थे।

तारापुर में दिवंगत विधायक मेवालाल चौधरी के घर पर सन्नाटा पसरा रहा। अमेरिका से तारापुर पहुंचे बेटे रवि प्रकाश मायूस दिखे। उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। कभी चुनाव के दौरान उनके घर पर भीड़ लगी रहती थी। वहीं, यहां से जदयू उम्मीदवार राजीव सिंह ने घर में पूजा-पाठ की। इसके बाद मध्य विद्यालय परसा में मतदान करने पहुंचे थे। कुशेश्वरस्थान की बूथ संख्या 205 पर पहुंचने के लिए नाव का सहारा लिया गया था। यहां नाव से मतदाता बूथ पहुंचे थे।

तारापुर से 7 बार विधायक रहे शकुनी चौधरी ने कहा- सिर्फ दो के बीच मुकाबला। राजद ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा में प्रशासन पर जबरन धांधली कराने का आरोप भी लगाया। ट्वीटर पर मतदान केंद्र संख्या 98, 98क, 96 ,97, 97 क पर धांधली करने का वीडियो अपलोड किया गया था। कुशेश्वरस्थान के आदर्श बूथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरौली में वैक्सीनेशन की भी व्यवस्था।

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने तारापुर के लखनपुर में मतदान केंद्र संख्या 74 पर मतदान किया। उपचुनाव में सबसे अधिक महिला मतदाताओं की भागीदारी देखने को मिली। कुशेश्वरस्थान की तुलना में तारापुर में महिलाओं की संख्या ज्यादा दिखी। इधर, तारापुर में सुबह 7 बजे से ही बड़ी संख्या में महिलाएं मतदान केंद्र पर दिखने लगी थीं। नक्सल प्रभावित होने की वजह से शाम 4 बजे तक ही इस बूथ पर वोटिंग हुई। यहां बड़ी संख्या में पुलिस जवान को तैनात किया गया था।

तारापुर और कुशेश्वरस्थान के विधायकों के निधन के बाद दोनों सीटें खाली हुई थी। तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी का निधन कोरोना से हो गया था। वहीं, कुशेश्वरस्थान के विधायक शशि भूषण हजारी का लंबी बीमारी से निधन हो गया था। दोनों विधायक जनता दल यूनाइटेड से थे।

एनडीए की तरफ से दोनों सीटों पर जदयू के ही उम्मीदवार उतारे गए थे। वजह यह थी कि ये दोनों सीटें पहले जदयू के पास थी। जदयू ने तारापुर से कुशवाहा समाज के राजीव कुमार सिंह को उतारा था। दिवंगत विधायक मेवालाल चौधरी के पुत्र ने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया था। वहीं, कुशेश्वरस्थान से जेडीयू ने दिवंगत विधायक शशि भूषण हजारी के पुत्र अमन हजारी को इस चुनाव में उतारा था।

उपचुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच गठबंधन में टूट हो गई। राजद ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे तो कांग्रेस ने भी दोनों सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। तारापुर से राजद ने अरुण शाह को उम्मीदवार बनाया था तो कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को अपना उम्मीदवार बनाया था। कुशेश्वरस्थान आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार अशोक राम के पुत्र अतिरेक कुमार को उतारा था तो तारापुर से राजेश मिश्रा को चुनाव लड़ाया था। इन सबके अलावा तीसरा फैक्टर चिराग पासवान भी थे। उन्होंने कुशेश्वरस्थान से अंजू देवी को मैदान में उतारा था। तारापुर से चन्दन सिंह पर विश्वास जताया था।