नई दिल्ली। त्योहारों से पहले देश में आतंकी हमले की साजिश रच रहे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर उनकी साजिश को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर लश्कर ने इनकी आईएस के लिए काम करने की बात बताकर भर्ती की थी।ट
शाहनवाज पर तीन लाख का था इनाम
पाकिस्तान में बैठे लश्कर के हैंडलर परातुल्ला गौरी व साहिद फैसल ने इनकी ऑनलाइन भर्ती की थी। ऐसा इसलिए किया ताकि आतंकी हमले पर जांच में आईएस का नाम सामने आए और पाकिस्तान का नाम बदनाम न हो। तीनों में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा को दिल्ली के जैतपुर, मोहम्मद रिजवान अशरफ को लखनऊ व मोहम्मद अरशद वारसी को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया।
इनमें शाहनवाज पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तरफ से तीन लाख का इनाम है। तीनों 2018 में जामिया नगर में एक साथ रहे थे। तभी से वे एक-दूसरे को जानते हैं। विशेष आयुक्त स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल के मुताबिक कई माह से स्पेशल सेल की टीम इस माड्यूल की तलाश कर रही थी। शाहनवाज के ठिकाने से सेल ने विस्फोटक बनाने के अलग-अलग उपकरण, जिनमें प्लास्टिक ट्यूब,आयरन पाइप, अलग-अलग तरह के केमिकल और बहुत सारे टाइमर, डेटोनेटर और दूसरे डिवाइस बरामद किए हैं।
पिस्टल, कारतूस समेत अन्य सामान बरामद
साथ ही इनके पास से पिस्टल, कारतूस और बम बनाने के अलग-अलग लिटरेचर बरामद हुए हैं। ये सभी 500 जीबी डाटा के रूप में मिले हैं जिसमें पीडीएफ, वीडियो, फोटो और आडियो आदि शामिल हैं। इन्हें ये सब सीमा पार बैठे लश्कर के हैंडलर्स ने ऑनलाइन माध्यम से भेजे थे। इंटरनेट के अलग-अलग एप के जरिए बातचीत कर ये आपस में जानकारी जुटाते थे कि किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल बम बनाने किया जाए ताकि उससे अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाई जा सके।
गुजरात में कई जगहों पर की रेकी
इनकी योजना ऐसे जगहों पर ब्लास्ट करने की थी, जहां बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोगाें का जमावड़ा हो। ये सभी वेस्टर्न इंडिया, सदर्न इंडिया आदि कई राज्यों में अलग-अलग जगहों पर जाकर रेकी कर चुके हैं। वेस्टर्न घाट यानी गुजरात से लेकर केरल तक इन्होंने अपना ठिकाना बनाने की कोशिश की। कई जगहों पर जंगलों में इन्होंने हफ्ते भी बिताए। वहां ये लोग ट्रेनिंग कैम्प बनाकर रहे। अहमदाबाद में भी कई जगहों पर भी रेकी की।
जंगलों में कई जगह इन्होंने बम ब्लास्ट कर उसकी तीव्रता जांचने की कोशिश की। मोहम्मद शाहनवाज मूलरूप से झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है। इनका एक साथी मोहम्मद रिजवान फरार है उसकी तलाश एनआईए, पुणे पुलिस और स्पेशल सेल कर रही है। मोहम्मद शाहनवाज ने विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट बेंगलुरु से माइनिंग में बीटेक किया हुआ है। इसकी पत्नी इस्लाम में कन्वर्टेड है और उसका पहला नाम बसंती पटेल था।
शादी के बाद इसकी पत्नी ने मरियम नाम रख लिया है। अरशद वारसी भी बीटेक किया हुआ है। बाद में उसने पीएचडी भी की। मोहम्मद रिजवान मौलाना है, वह कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया हुआ है। स्पेशल सेल का कहना है कि कई वीआईपी भी इनके निशाने पर थे। सेल का कहना है कि उन्हें कुछ साक्ष्य मिले हैं जिससे पता चलता है कि इन्हें पाकिस्तान से फंडिंग की गई है। इसके मनी ट्रेल का पता लग गया है।
वाहन चोरी के दौरान फरार हुआ था शाहनवाज
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 18 जुलाई को शाहनवाज पुणे से कार चोरी करके भाग रहा था। उसमें इमरान और यूसुफ को पुणे पुलिस ने पकड़ा। इमरान और यूसुफ पर पांच लाख का इनाम था दाेनों 2017 में हुए चितौड़गढ़ ब्लास्ट में शामिल रहे हैं। दोनों से पूछताछ के बाद शाहनवाज के बारे में जानकारी मिली। शाहनवाज पुणे पुलिस से फरार होने के बाद दिल्ली में छिपा हुआ था। माइनिंग इंजीनियर की पढ़ाई के दौरान उसे ब्लास्ट करने के बारे में बताया गया था।
शाहनवाज काफी पढ़ा लिखा है उसे इंटरनेट के बारे में भी गहन जानकारी है। शाहनवाज ने हिंदू लड़की को इस्लाम धर्म के बारे ब्रेनवाश किया था। इससे वह प्रभावित हो गई,उसे कई किताबें आदि पढ़वाई, जिससे उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और उससे शादी कर ली। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उसकी पत्नी और बहन भी कट्टरपंथी हैं वह शाहनवाज का साथ दे रही थीं, अभी फिलहाल वह फरार है। इनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।