छत्तीसगढ़

दंतेवाड़ामें ३० ईनामी सहित ७१ नक्सलियोंने डाले हथियार


२०२३ से अब तक १७०० नक्सलियों का समर्पण, ४६६ हुए ढेर
छत्तीसगढ़ (आससे.)। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश के दंतेवाड़ा जिले में एक साथ 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 71 माओवादियों का एक साथ सरेंडर करना नक्सल विरोधी अभियान के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। जिले में लोन वर्राटू अभियान के तहत आज कुल 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 30 नक्सली इनामी हैं, जिन पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सभी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा एसपी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन को फिर बड़ा झटका लगा है। 71 माओवादियों ने एक साथ सरेंडर कर दिया है।
वहीं सुरक्षाबलों की तरफ से लगातार चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान में कई बड़े नक्सल लीडर एनकाउंटर में ढेर हो रहे हैं। बड़े नक्सलियों की तरफ से कई बार समझौते को लेकर भी सरकार से अपील की गई है लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं होने के बाद अब नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापस लौट रहे हैं। इसी के तहत 71 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है।हथियार डालने वाले 71 माओवादियों में 30 नक्सलियों पर 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। नक्सल अभियान के तहत इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। वहीं नक्सलियों ने भी कहा कि वे नक्सलवाद से तंग आ चुके हैं, इसलिए हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौटे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस यानी भूपेश बघेल के बाद सत्ता में आई बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में जबरदस्त तेजी आई है। विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ठोस रणनीतियाँ अपनाई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 से अब तक लगभग 1,700 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जबकि मुठभेड़ों में 466 नक्सली मारे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद विरोधी अभियानों की गति पिछले दो वर्षों में अभूतपूर्व रही है। दरअसल मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का खात्मा करने का लक्ष्य रखा गया है। गृह मंत्री अमित शाह के इस ऐलान के बाद से ही प्रदेश में सुरक्षाबलों की तरफ से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
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