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दर्द से कराह रहे तेजस्वी ने दिया भावुक संदेश, हेल्थ पर दी ताजा जानकारी; क्या आज करेंगे रैली?


 पटना। बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने हेल्थ को लेकर ताजा जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि आखिर किस वजह से यह समस्या सामने आई है। उन्होंने बिहार के लोगों के लिए भावुक संदेश भी दिया है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि बीते काफी समय से कमर दर्द से परेशान हैं। शुक्रवार को भी उन्हें काफी दर्द था। सुरक्षा कर्मियों की मदद से उन्हें उस चुनावी मंच से उतरते देखा भी गया था, जिसका वीडियो भी काफी प्रचारित हुआ था।

इसी दर्द के बीच तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को एक पोस्ट डाली। जिसमें उन्होंने कहा कि महीनों से अलट-पलट वाली अथक सामाजिक राजनीतिक यात्रा रही है। आराम के अभाव एवं निरंतर यात्रा के कारण दो हफ़्ते से कमर में हल्का दर्द था, दो दिन से अचानक बढ़ गया।

मेरा दर्द बेरोजगार भाइयों के दर्द के आगे कुछ भी नहीं

तेजस्वी यादव ने अपनी पोस्ट में कहा कि लेकिन मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं है जो नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं। जिनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है।

मैं अपने दर्द को भूल जाता हूं जब देखता हूं कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है। किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूं तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता।

छात्र और बुजुर्गों को लेकर दिया भावुक संदेश

छात्र को पीड़ा हैं क्योंकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही। बिहार के मेरे बुजुर्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही, थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है। हर वर्ग को पीड़ा है क्योंकि उनके अधिकार, उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है। मैं इन सबों की तकलीफ़ में अपने आप को सांझीदार मानता हूँ।

बिहार में राजग सरकार से जनता त्रस्त है।

यदि मेरे कदम रुक गए तो…

ऐसे में यदि मैंने अपनीं पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएगीं तथा महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा। इसलिए मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो, भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है, झुकना नहीं है और थकना नहीं है। लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है, बढ़ते जाना है, जीतते जाना है जीताते जाना है। लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है।