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दिल्ली की तिहाड़ जेल में मोटी वसूली का खेल जारी, लावा मोबाइल के मालिक से लिया पांच करोड़ सुविधा शुल्क


नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में सुविधा के नाम पर मोटी वसूली का खेल बदस्तूर जारी है। दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का मामला हो या फिर महाठग सुकेश चंद्रशेखर को जेल के अंदर सुविधा पहुंचाने के नाम पर करोड़ों की वसूली का। जेल के अंदर की गतिविधियां लगातार संदेह के घेरे में रही हैं।

रकम नहीं मिलने पर भेजा गया दूसरी जेल

अब लावा मोबाइल कंपनी के मालिक हरिओम राय से सुविधा शुल्क के नाम पर पांच करोड़ रुपये वसूलने का ताजा मामला सामने आया है। यह भी जानकारी सामने आई है कि अपेक्षा के अनुरूप रकम नहीं मिलने पर दबाव बनाने के लिए लावा के मालिक को दूसरी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

करीब 100 जेल अधिकारी व कर्मी हो चुके हैं निलंबित

यह स्थिति तब है जब बीते नवंबर माह में तिहाड़ के जेल नंबर सात में बंद ईडी के 85 बंदियों को सुविधाएं मुहैया कराने की बात सामने आने पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जांच का आदेश दिया था। बीते कुछ वर्षों में विभिन्न प्रकरणों में शामिल 100 से ज्यादा जेल अधिकारी व कर्मी निलंबित भी किए जा चुके हैं।

जेल के तत्कालीन डीजी संदीप गोयल हुए थे निलंबित

जेल में फैले भ्रष्टाचार व अव्यवस्था के कारण दो साल पूर्व जेल के तत्कालीन डीजी संदीप गोयल भी निलंबित हो चुके हैं फिर भी व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ साल पूर्व लावा कंपनी के मालिक हरिओम राय, उसके मैनेजर व एक चीनी नागरिक को मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था।

जेल नंबर- 7 में बंद हैं 85 हाई प्रोफाइल आरोपित

तीनों बंदी तिहाड़ के जेल नंबर सात में बंद हैं। चीनी कंपनियों के साथ मिलकर ये लोग मोबाइल बनाने व बेचते थे। जेल नंबर सात में ही मनी लांड्रिंग केस के 85 हाई प्रोफाइल आरोपित बंद हैं, जिनमें कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता, दिल्ली आबकारी घोटाले के आरोपित व अन्य मामले के आरोपित हैं।

आरोप है कि यहां बंदियों को जेल के अंदर बाहर से खाने पीने का सामान, शराब, सिगरेट व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। सभी से सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। बताया जा रहा है कि लावा मोबाइल कंपनी का मालिक भी करीब पांच करोड़ दे चुका है।

‘हरिओम राय करीब 25000 करोड़ से अधिक के मालिक’

जेल कर्मियों को जब पता चला कि हरिओम राय करीब 25000 करोड़ से अधिक का मालिक है तब इससे अधिक रकम वसूलने के लिए दबाव बनाना शुरू किया गया। अधिक पैसे न देने पर डराने के लिए उसे बीते बृहस्पतिवार को जेल नंबर सात से हटाकर जेल नंबर दो में कर दिया गया।

हरिओम राय को डराने के लिए किया ऐसा काम

जेल नंबर दो में बेहद कुख्यात अपराधियों को रखा जाता है। हरिओम राय को डराने व दबाव बनाने के मकसद से ऐसा किया गया। यह सब जेल के कुछ अधिकारी, एक इंस्पेक्टर व एक सब इंस्पेक्टर के इशारे पर किया गया। इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर दिल्ली पुलिस में तैनात एक विशेष आयुक्त का बेहद करीबी बताया जा रहा है।

जेल बदलने की बात लीक हो जाने पर दो दिन बाद बीते शनिवार की देर रात ही उसे वापस जेल नंबर सात में ले आया गया। सूत्रों के मुताबिक इस बात की जानकारी ईडी व सीबीआइ अधिकारियों को मिलने पर उन्होंने उच्च स्तर पर जेल की अव्यवस्था को लेकर शिकायत की है।