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दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने बताया किस आधार पर किया गया था मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार, पटिलाया हाउस कोर्ट से 5 दिन की रिमांड मांगी


नई दिल्ली, ।  दिल्ली पुलिस के डीसीपी (DCP IFSO) के. पी. एस. मल्होत्रा ने आल्ट न्यूज के फाउंडर व पत्रकार की गिरफ्तारी पर बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि किस आधार पर जुबैर को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछा गया था कि जिस ट्वीट पर जुबैर को गिरफ्तार किया गया है वो काफी पुराना है तो उन्होंने कहा कि ट्वीट काफी पूराना होने से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आपको सिर्फ उसे रीट्वीट कर किसी को टैग कर देना है और वह नया बन जाता है। पुलिस मंगलवार की दोपहर जुबैर को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची, यहां इस मामले में सुनवाई चल रही है।दिल्ली पुलिस ने जुबैर की हिरासत की अवधि पांच दिन और बढ़ाने की मांग की है।

उन्होंने बताया कि इस मामले में हमें इनके फोन की ज़रूरत थी लेकिन इन्होंने फोन को फॉर्मेट किया हुआ था इसी आधार पर हमने इनको गिरफ़्तार किया। अगर आप किसी ट्वीट को रीट्वीट करते हैं तो वे आपका विचार है। आप यह नहीं कह सकते कि उसमें क्या था, उससे होने वाली प्रतिक्रिया भी आपकी ज़िम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि हमें किसी ने जुबैर के एक ट्वीट पर टैग किया था जिसमें लोगों ने द्वेषपूर्ण भाषा का उपयोग किया था, यह सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक था। हमने इस आधार पर मामला दर्ज़ किया। इनसे जब जानकारी मांगी तो वे इससे भाग रहे थे, इस वजह से उनको गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया।

 

हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ पोस्ट करने और उनका अपमान का भी आरोप

मोहम्मद जुबैर [Mohammad Zubair News], भाजपा और मीडिया चैनलों के खिलाफ लगातार कमेंट कर लिखते रहते हैं। उन्होंने कई मीडिया चैनलों की खबरों की तीखी आलोचना भी की थी। पिछले दिनों ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर एक निजी समाचार चैनल की एक बहस की आलोचना करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था कि हमें एक समुदाय और धर्म के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद के आयोजकों यति नरसिंहानंद सरस्वती, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने वाले लोगों की जरूरत नहीं है।