नई दिल्ली। दिल्ली कैबिनेट ने राजधानी में राशन की डोरस्टेप राशन डिलीवरी योजना (घर-घर तक राशन पहुंचाने की योजना) का नाम बदल दिया है। इस योजना को ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना’ के नाम से लाया गया था। गुरुवार को दिल्ली कैबिनेट ने योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार की ओर से योजना में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एतराज के बाद दिल्ली कैबिनेट ने ये फैसला लिया है। केंद्र ने नाम पर आपत्ति करते हुए योजना को मंजूरी नहीं दी थी। नाम में बदवाल के बाद अब फिर से इस योजना को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार काफी समय से दिल्ली में राशन घर तक पहुंचाने की योजना को लेकर बात कर रही है। इसे इस महीने शुरू किए जाने की बात कही गई थी लेकिन नाम को लेकर केंद्र ने आपत्ति जता दी। जिसके बाद अब इस योजना का नाम बदला गया है। केंद्र की आपत्ति के बाद हाल ही में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 25 मार्च से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ के नाम से हमारी सरकार योजना लाई थी। जिसमें गरीब लोगों को अभी तक दुकानों पर जो राशन मिलता था। वो घर पर ही मिले, दिल्ली सरकार गरीब के घर तक राशन पहुंचाने के लिए ये योजना लाई है।
केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार की इस योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया। केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ नहीं रखा जा सकता है। इसमें मुख्यमंत्री शब्द नहीं होना चाहिए। जिसके बाद इस योजना से नाम हटाने का फैसला लिया गया है। केजरीवाल ने कहा था कि लोगों तक राशन पहुंचाना जरूरी है। हम केंद्र सरकार की सभी शर्तें मानेंगे।