वहीं, शुरुआती जानकारी के मुताबिक, नियमों का दरकिनार करके अलीपुर के झंगोला गांव में 339 बीघा जमीन विभिन्न फर्मों को दे दी गई।
वहीं, दिल्ली भूूमि सुधार अधिनियम-1954 के अनुसार भूमिदारी के तहत कोई भी जमीन किसी फर्म हो नहीं दी जा सकती है। ऐसे में जमीन का आवंटन करते समय अधिकारियों ने नियमों का पालन तक नहीं किया गया।
उधर, अलीपुर के झंगोला गांव और चिराग दिल्ली में हुए करोड़ों के जिस भूमि घोटाले के उजागर होने को लेकर चर्चा हो रही है, इस घोटाले के उजागर करने के बारे में आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह घोटाला दिल्ली विधानसभा की समिति की कार्यवाही से उजागर हुआ है।