अन्तर्राष्ट्रीय

दिवालिया होने की कगार पर पाकिस्तान


दो महीने पहले तक पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर रहे मिफ्ताह इस्माइल ने कहा है कि पाकिस्तान अब किसी भी वक्त डिफॉल्टर घोषित हो सकता है। एक टीवी शो के दौरान उन्होंने कहा- इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF हमें नए कर्ज की किश्त देने तैयार नहीं है। इमरान खान के दौर में हमारी इकोनॉमी की जो तबाही शुरू हुई, उससे हम उबर ही नहीं सके।शाहबाज शरीफ सरकार के पहले वित्त मंत्री इस्माइल को सच बोलने वाला नेता माना जाता है। यही वजह है कि उनकी जगह इशहाक डार को फाइनेंस मिनिस्टर बनाया गया। वो तरह-तरह के दावे कर रहे हैं। आईएमएफ को धमकी दे रहे हैं। डार को उम्मीद है कि चीन और सऊदी अरब मिलकर पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचा लेंगे।पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 6.7 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। इससे तीन हफ्ते के ही इम्पोर्ट्स किए जा सकते हैं। पुराने कर्ज की किश्तें भी नहीं भरी जा सकतीं। फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने नवंबर में कहा था कि चीन और सऊदी अरब पाकिस्तान को बहुत जल्द 13 अरब डॉलर का नया कर्ज देंगे। यह अब तक नहीं मिला और दोनों देश चुप हैं।दूसरी तरफ, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने भी कर्ज की तीसरी किश्त रोक दी है। ऐसे में अब जनवरी से मार्च के पहले क्वॉर्टर में विदेशी कर्ज चुकाने और इम्पोर्ट के लिए फंड्स कहां से आएंगे, इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लग गया है।पाकिस्तान के अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक- फाइनेंस मिनिस्टर भले ही सऊदी अरब और चीन से 13 अरब डॉलर के नए लोन मिलने का दावा कर रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और है। नवंबर की शुरुआत में दोनों देशों से बातचीत हुई थी और अब तक इनकी तरफ से कोई पैसा मिलना तो दूर, वादा भी नहीं किया गया।रिपोर्ट के मुताबिक, चीन तो एक कदम आगे निकल गया है। उसने पाकिस्तान से 1.3 अरब डॉलर की किश्त मांग ली। पाकिस्तान सरकार ने चीन की इस हरकत पर अब तक कुछ नहीं कहा है। डार अब दावा कर रहे हैं कि सऊदी अरब से बातचीत जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही वहां से 3 अरब डॉलर मिल जाएंगे। दूसरी तरफ, सऊदी अरब ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।