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दूसरे चरण में कई दिग्गजों की साख दांव पर:गुजरात के 14 जिलों की 93 सीटों पर कल मतदान, पीएम-गृहमंत्री के क्षेत्र भी शामिल


गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर कल यानी कि 5 दिसंबर को मतदान होगा। इनमें एक बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा से लगने वाली सीटों का भी है, जिसमें आदिवासी बहुल पंचमहल भी है। इन क्षेत्रों में गुजरात की राजधानी गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा और दूध उत्पादन के लिए विश्व प्रसिद्ध आणंद भी शामिल है। इन 93 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गजों की साख दांव पर रहेगी।गुजरात में दूसरे चरण की 93 सीटों पर मतदान से पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में लगभग 50 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। इस चरण में जिन सीटों में चुनाव होना है उनमें प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में भाजपा के लिए यह चरण प्रतिष्ठा के साथ अपनी चुनावी बढ़त को मजबूत करने के लिए भी अहम होगा। खासकर उत्तर गुजरात जहां पिछली बार वह कांग्रेस से पिछड़ गई थी। कांग्रेस के लिए भी यह चरण काफी अहम है।उत्तर व मध्य-पूर्व गुजरात के 14 जिला की 93 सीट पर यानि कुल 51 प्रतिशत सीट पर मतदान होगा। जिसमें 74 सामान्य तो 6 एससी और 13 सीटें एसटी की हैं। कुल 2.51 करोड़ मतदाताओं में से 1.22 करोड़ महिलाएं हैं। 18 से 19 वर्ष के 5.96 लाख मतदाता हैं। 90 वर्ष अधिक उम्र के 5400 मतदाता हैं।सोमवार को होने वाले मतदान में महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सीटों में अहमदाबाद घाटलोडिया, नरोडा, वटवा, विसनगर, थराद, महेसाणा, विरमगाम, गांधीनगर (दक्षिण), खेडब्रह्मा, मांजलपुर, वाघोडिया, खेरालु, दस्कोई, छोटा उदेपुर, संखेडा आदि शामिल हैं।दूसरे चरण के चुनाव में मुख्यमंत्री और अन्य 8 मंत्री मैदान में हैं जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, जगदीश विश्वकर्मा, मनीषा वकील, अर्जुन चौहाण आदि हैं। इसके अलावा 2017 में पाटीदार आंदोलन का चेहरा बने हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिज्ञेश मेवाणी भी उम्मीदवार हैं। भाजपा के पूर्व मंत्री शंकर चौधरी भी इस चुनावी जंग में शामिल हैं।2017 में इन 93 सीटों में से 51 सीट पर भाजपा की विजय हुई थी जबकि कांग्रेस ने 39 सीट पर जीत दर्ज की थी। तीन सीटें निर्दलीयों के पाले में गई थीं। जिसमें एक निर्दलीय जिज्ञेश मेवाणी अब कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। मध्य में भाजपा तो उत्तर गुजरात में कांग्रेस का पलड़ा भारी था।भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुजरात में दूसरे चरण से पहले वोटर्स से अपील की है कि वो घरों से आएं और अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करें। पहले चरण में गुजरात के कई जिलों में औसत से भी कम वोटिंग दर्ज की गई है। प्रदेश में पहले चरण की 89 सीटों पर कुल 63.31 फीसदी मतदान हुआ है। यह आंकड़ा 2017 में हुए चुनाव से 5.20% कम रहा। इतना ही नहीं इस बार 10 साल की सबसे कम वोटिंग हुई है।