- पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की सियासी लड़ाई चरम पर पहुंच गई है। ममता बनर्जी ने गुरूवार को जगदीप धनखड़ की नई दिल्ली यात्रा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “एक बच्चे को मनाकर चुप कराया जा सकता है लेकिन एक वृद्ध व्यक्ति को नहीं।” ममता ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को प्रदेश से वापस बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा है।
राज्यपाल को ”केंद्र का व्यक्ति” बताते हुए बनर्जी ने राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी बैठक पर अधिक टिप्पणी करने से परहेज किया। उन्होंने कहा, ”मैं क्या कह सकती हूं? एक बच्चे को मनाकर चुप कराया जा सकता है। इस मामले में, बोलना चांदी है, मौन सोना है।”
राज्यपाल को हटाये जाने संबंधी अटकलों के बारे में मीडिया में आयी खबरों के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ”मुझे कैसे पता चलेगा? जब राज्यपाल की नियुक्ति होती है, तो राज्य सरकार से सलाह ली जाती है। हालांकि, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया…मैंने प्रधानमंत्री को दो या तीन बार पत्र लिखकर राज्य से उन्हें वापस बुलाये जाने की मांग की है।”
2019 में राज्य के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से धनखड़ के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। वह चार दिवसीय यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी में हैं। उन्होंने अपने इस दौरे का कोई कारण नहीं बताया है। राज्यपाल ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और प्रह्लाद सिंह पटेल से मुलाकात की।
उन्होंने इससे पहले दिन में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ बैठक भी की। धनखड़ का दिन में बाद में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का कार्यक्रम है। यह पूछे जाने पर कि क्या राजभवन में कई ‘विशेष कार्य अधिकारियों’ की नियुक्ति से सरकारी खजाने पर दबाव पड़ा है, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास इसका ब्योरा नहीं होगा।