- नंदीग्राम चुनाव रिजल्ट पर विवाद होने पर चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि नंदीग्राम विधानसभा में मतगणना के बाद, एक विशेष उम्मीदवार के चुनाव एजेंट ने रिकाउंटिंग का अनुरोध किया, जिसे रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा खारिज कर दिया गया। नियम 63 के प्रावधानों के अनुसार उपलब्ध सामग्री तथ्यों के आधार पर खारिज किया गया और परिणाम घोषित किया गया। ऐसे मामले में, केवल कानूनी उपाय हाईकोर्ट के समक्ष ईपी दाखिल करना है।
चुनाव आयोग ने कहा कि ग्राउंड पर चुनाव से जुड़े अधिकारी पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ बेहद प्रतिस्पर्धी राजनीतिक माहौल में प्रदर्शन करते हैं और इसलिए इस तरह के मामलों में किसी भी मकसद नहीं होता है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पहले ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत ईवीएम, वीवीपीएटी मशीन, वीडियो रिकार्डिंग, मतगणना रिकॉर्ड समेत सभी चुनाव रिकार्ड सुरक्षित ढंग से रखे जाएं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी जरूरत पड़ने पर ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के साथ तालमेल के साथ काम करेंगे।
रिटर्निंग ऑफिसर नंदीग्राम पर अनुचित दबाव की मीडिया रिपोर्टों के आधार पर, आयोग ने मुख्य सचिव पश्चिम बंगाल को 3 मई 2021 को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया, जिसे राज्य सरकार ने अब प्रदान किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने चुनाव आयोग (ईसी) को बताया है कि उसने नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के चुनाव अधिकारी को सुरक्षा मुहैया कराई है। इस विधानसभा सीट पर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी के बीच कड़ा चुनावी मुकाबला हुआ था।
गौर हो कि ममता अपने पूर्व समर्थक और अब बीजेपी नेता अधिकारी से 1956 वोटों के अंतर से हार गयीं। सोमवार को टीएमसी नेता ने आरोप लगाया था कि नंदीग्राम के चुनाव अधिकारी ने उनके अनुरोध के बाद भी मतों की फिर से गिनती करने का आदेश नहीं दिया क्योंकि उन्हें अपनी जान का डर था। सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से और घर पर भी सुरक्षा मुहैया कराई गई है। ऐसी खबरें हैं कि वह अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के दौरान गहरे दबाव में थे।