पिछले साल लागू किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के 83वें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि इन कानूनों से छोटे सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को समृद्ध बनाना भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. बिना नाम लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग इन कानूनों के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं. हजारों किसान, मुख्य रूप से पंजाब हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं.
उत्तर प्रदेश के बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का शिलान्यास परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इन कानूनों के खिलाफ लोगों में एक झूठी कहानी फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा, नए कृषि सुधारों से छोटे सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. कुछ लोग इन सुधारों के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं.
पहले विदेशी फर्मों को आमंत्रित करते थे अब विरोध कर रहे
कांग्रेस पर एक स्पष्ट हमले में, मोदी ने कहा, जो लोग भारत में विदेशी फर्मों को आमंत्रित करते थे, वे अब उस सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं जो भारतीय निजी कंपनियों को मौका देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों ने खुद उन राजनेताओं को बेपर्दा किया है जो पिछले साल सितंबर में संसद के मानसून सत्र में अधिनियमित किए जाने के बाद से इन कानूनों के खिलाफ अफवाह फैला रहे हैं.
12000 से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे
प्रधानमंत्री ने आगे उल्लेख किया कि कोविड-19 महामारी के बावजूद सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में धान की खरीद पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो गई है. इस वर्ष धान की खरीद इस सीजन में अब तक 65 लाख मीट्रिक टन दर्ज की गई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह किसानों की जमीनों की सुरक्षा के लिए देश भर में ‘स्वामित्व योजना’ भी चलाई जा रही है. उन्होंने कहा, 12,000 से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे किया गया है दो लाख से अधिक परिवारों को अब तक संपत्ति कार्ड मिले हैं. किसान पहली बार ऐसी योजना देख रहे हैं, जो उनकी जमीनों की रक्षा के लिए कवच जैसी भूमिका निभा रहा है.