यह नकली टूर्नामेंट एक गांव के खेत में खेला गया जिसमें 21 मजदूरों और बेरोजगार युवकों को वास्तविक क्रिकेटरों की नकल करने के लिए 400-400 रुपये दिए गए। इन लोगों ने आईपीएल की मशहूर टीमों चेन्नई सुपरकिंग्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के खिलाड़ियों जैसी जर्सियां पहनी। यहां तक कि अंपायर भी मैदान में वॉकी-टॉकी के साथ मौजूद थे।
इन लोगों ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। यहां तक कि उन्होंने तकनीक के इस्तेमाल से मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले की आवाज की नकल तक कर ली।
इन लोगों ने मैदान पर पांच एचडी कैमरों और हैलोजन लाइटों का इस्तेमाल किया और अपने रूसी दर्शकों को बेवकूफ बनाने में कामयाब रहे। इन्होंने यूट्यूब पर इस टूर्नामेंट को 2 हफ्ते तक लाइव स्ट्रीम किया और साथ ही एक टेलीग्राम चैनल भी बना लिया। इसी टेलीग्राम चैनल के जरिए इन लोगों ने रूस के टवेर, वोरोनिश और मॉस्को में स्थित सट्टेबाजों से पैसे भी लगवा लिए। पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश तब यिका जब वो क्वार्टर फाइल मुकाबलों के लिए रूसी सट्टेबाजों से 3 लाख रुपये का दांव लगवा रहे थे।
पीटीआई की खबर के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। मेहसाणा के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने बताया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसे बड़े टूर्नामेंट की छवि पेश करने के लिए मुख्य आरोपी शोएब दावड़ा ने किराए के खेत में क्रिकेट का मैदान तैयार किया और लगभग 20 मजदूरों और स्थानीय बेरोजगार युवाओं की सेवाएं ली। शोएब ने इन लोगों को फर्जी टीम की जर्सी पहनाकर मैच में खिलाया। तीन अन्य आरोपियों की पहचान कोलू मोहम्मद, सादिक दावड़ा और मोहम्मद साकिब के रूप में हुई है।