जम्मू। अनुच्छेद 370 हटाने की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Article 370 Verdict) का जम्मू में दिल खोल कर स्वागत हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को केंद्र सरकार के पांच अगस्त 2019 को संसद में पारित कराए फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसले सुनाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को मिला यह विशेष दर्जा अस्थायी था।
जिसे हटाकर केंद्र सरकार ने किसी तरह के संवैधानिक व कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया। सोमवार की सुबह जैसे ही यह फैसला आया। विभिन्न वर्गों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि 370 व 35A की आड़ में कश्मीरी हुक्मरानों ने जम्मू-कश्मीर को अपना गुलाम बना लिया था। केंद्र सरकार ने जम्मू को विशेष रूप से कश्मीर की गुलामी से आजाद किया जिसका हर तरफ स्वागत किया गया था।
कश्मीर के हुक्मरानों की राजनीति हुई खत्म
जम्मू के गणमान्य लोगों की माने तो केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाले कश्मीर के हुक्मरान ही थे जिनकी राजनीति ही पूरी तरह से 370 व 35A पर टिकी हुई थी। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगाकर इन लोगों के मुंह पर तमाचा मारा है और उम्मीद है कि अब ये दोबारा 370 व 35A का राग नहीं अलाप पाएंगे।
लोगों की मांग जल्द ही जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल
जम्मू ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने व जल्द ही जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश का भी स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि इससे जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक ढांचा बहाल होगा और लोगों की जो समस्याएं प्रशासनिक तंत्र में हल नहीं हो पाएगी, वो जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से हल हो पाएगी। लोगों की मांग है कि लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के तत्काल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अनुच्छेद 370 व 35A पर राजनीति को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है। केंद्र सरकार के पांच अगस्त 2019 के ऐतिहासिक कदम के बाद आज सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है। यह फैसला स्वागत योग्य है। इससे कश्मीरियों की राजनीति खत्म होगी और वे अब 370 के नाम पर लोगों को गुमराह नहीं कर पाएंगे। अब सरकार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने की तैयारी करनी चाहिए।
-दीपक गुप्ता, प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते है। पिछले चार सालों से 370 को लेकर राजनीति हो रही थी। अाज इस पर हमेशा के लिए विराम लग गया। अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और सुप्रीम कोर्ट ने बता दिया कि केंद्र सरकार ने इसे हटाकर कुछ गलत नहीं किया। अब 370 हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर रह जाएगा। उम्मीद है कि अब भविष्य में इस पर कोई चर्चा नहीं होगी।
-मुनीष महाजन, वरिष्ठ उप-प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। 370 हटाकर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का भारत में अटूट विलय किया था और आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी। इससे कश्मीर घाटी के क्षेत्रीय दलों की राजनीति खत्म हो गई। अब इस पर चर्चा करने या लोगों को गुमराह करने का कोई अवसर नहीं मिलेगा। उम्मीद है कि कश्मीर का हर वर्ग भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करेगा और विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा।
-नीरज आनंद, संरक्षक, चैंबर आफ ट्रेडर्स फेडरेशन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए है जिनका बेसब्री से इंतजार था। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने तथा जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया है।
इससे काफी राहत मिलेगी। लोकतांत्रिक ढांचा बहाल हाेने से लोगों की समस्याओं का बेहतर निवारण हो पाएगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा छीन कर जो बेइंसाफी की गई थी, उसका भी इंसाफ होगा।
-अरूण गुप्ता, प्रधान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू