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नारद स्टिंग केस: मलय घटक की याचिकाओं पर सुनवाई से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के जज


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस अनिरूद्ध बोस (Anirudh Bose) ने मंगलवार को नारद स्टिंग टेप (Narad Sting Case) मामले में पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक की याचिकाओं पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया. मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किये जाने के दिन दोनों की भूमिकाओं के संबंध में याचिकाएं दाखिल की गईं.

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस बोस की अवकाशकालीन पीठ जैसे ही मंगलवार की सुनवाई शुरू करने के लिए बैठी, जस्टिस गुप्ता ने कहा कि उनके साथी जज खुद को इन अपीलों पर सुनवाई से अलग कर रहे हैं. पीठ की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा कि अब इस विषय को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण के समक्ष रखा जाएगा जो इस संबंध में फैसला ले सकते हैं. याचिकाओं को आज ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है.

तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी

शीर्ष अदालत को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी, जिनमें एक याचिका राज्य सरकार की है. इन याचिकाओं में 17 मई को सीबीआई द्वारा नारद टेप मामले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री को उनकी भूमिकाओं पर हलफनामे दाखिल करने से इनकार करने के,हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है.

आरोप हैं कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने सीबीआई को मामले में चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद उसका कानूनी कामकाज करने से रोकने में अहम भूमिका अदा की.