पटना

नालंदा के पश्चिमी इलाके में लोकाइन तो पूर्वी में पंचाने और जिराईन ने बरपाया कहर


      • जिले के कई गांव अभी भी बाढ़ से प्रभावित
      • चिकसौरा बाजार में घुसा बाढ़ का पानी कई गांवों के लोगों ने सड़कों पर ली शरण
      • नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी हालांकि कुछ में आयी कमी
      • जिलाधिकारी ने कहा कि नदियों के उद्गम स्थल झारखंड में नहीं हुई है बारिश कल तक मिलेगी थोड़ी राहत

बिहारशरीफ (आससे)। सोमवार को जिले में बारिश तो कम हुई लेकिन बाढ़ का प्रकोप कई इलाकों में बना रहा। हालांकि नदियों के जलस्तर में वृद्धि नहीं हो रही है, लेकिन अभी भी कई नदियों का जलस्तर यथावत है। वहीं कुछ नदियों के जलस्तर में कमी आनी भी शुरू हुई है। करायपरशुराय एवं हिलसा के कई गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में है। तटबंधों के निर्माण का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

वहीं रहुई के हवनपुरा में पंचाने नदी में हुई तटबंध क्षतिग्रस्त की मरम्मती का भी कार्य अभी तक नहीं हो सका है। हालांकि बाद में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निःस्सरण प्रमंडल बिहारशरीफ के प्रभारी ई. अनिल कुमार मधुकर ने कहा है कि हवनपुरा में पंचायत नदी के दाये तटबंध में 15 फीट के लंबाई में क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मती प्रगति पर है और शेष बांधें सुरक्षित है।

इधर दूसरी ओर चिकसौरा बाजार में भी बाढ़ का पानी घूस गया है। कई दुकानों में इससे क्षति हुई है। चिकसौरा बाजार में लगभग तीन फीट तक पानी घुस गया है। बाजार बंद है। दुकानों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। लोकाइन का बढ़ता जलस्तर परेशानी खड़ा कर रहा है। हिलसा के पश्चिमी इलाकों में अभी भी बाढ़ की तबाही जारी है। लोकाइन का तटबंध टूटने से कई गांवों में नदी का पानी घुसा है।

करायपरशुराय के छितर बिगहा के लोग सड़क पर खाना बनाते हुए।

जिले के पश्चिमी इलाके में जहां पंचाने ने तबाही मचा रखी है वहीं पूर्वी इलाके में जिराईन नदी ने भी तबाही मचाई है। अब तक जिले का रहुई, बिंद, करायपरशुराय और हिलसा के इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए है। स्थिति यह है कि करायपरशुराय के छितर बिगहा इलाके के लोग सड़क पर रहने को मजबूर है। जबकि हिलसा में सोहरापुर गांव के पास सड़क पर पानी चढ़ गया है। हिलसा के भेड़ी गांव के पास भी लोग सड़कों पर शरण ले रखे है। धुरी बिगहा गांव में बाढ़ का पानी घुसा है। हिलसा-चिकसौरा मार्ग क्षतिगस्त हो गया है। हालांकि हिलसा के महेशपुर गांव में हुए कटाव को भरने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।

हिलसा के भेड़ी गांव के लोग सड़क पर शरण लिये हुए।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष बिहारशरीफ द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया है कि सकरी नदी का जलस्तर में गिरावट शुरू हो गया है। जबकि पैमार, जिराईन और कुम्हरी नदी में जलस्तर यथावत बना हुआ है। जबकि पंचाने, गोईठवा और सोईवा नदी में पानी का जलस्तर कम होना शुरू हुआ है। सकरी नदी खतरे के निशान से महज 0.15 मीटर नीचे है।

हिलसा के सोहरापुर गांव के पास सड़क पर बह रहे बाढ़ के पानी से गुजरता एक व्यक्ति।

जबकि पैमार खतरे के निशान से 0.63 मीटर उपर बह रही है। पंचाने नदी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है, लेकिन सोहसराय इलाके में बाढ़ का पानी घुसा है। सलेमपुर मोहल्ले में पानी फैला हुआ है। रहुई के चार-पांच गांव बाढ़ से प्रभावित है। बिंद प्रखंड के दरियापुर, बिंद, बरहोग, छतरपुर, मीराचक, नीरपुर आदि गांव में बाढ़ की स्थिति है।

रहुई के हवनपुरा के पास पंचाने नदी में तटबंध की मरम्मती करते लोग।

जबकि हिलसा के पांच पंचायत में बाढ़ ने तबाही मचायी है। बिंद प्रखंड के भी कुछेक गांव में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। लोकाईन, कड़रूआ, भुतही जैसी नदियों के जलस्तर में अभी भी वृद्धि जारी है। सांध पंचायत के बेरमा, छितरबिगहा, जलालपुर, मेढ़मा, झरह पर, रघु बिगहा, बेरथू, असियाफरचक, वाजितपुर, मोगलबिगहा, अबुपुर, मोदनीचक, हवजपुरख, मोहद्दीनपुर, गोंदू बिगहा, फरसपुर, परशुराय, कराय, रसलपुर, मुसाढ़ी आदि गांव गंभीर रूप से प्रभावित है। गोईठवा नदी खतरे के निशान से लगभग दो मीटर नीचे बह रही है, जबकि जिराईन खतरे के निशान से उपर बह रही है। सोईवा नदी भी लगभग खतरे के निशान के करीब है। जबकि कुम्हरी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे बह रही है।

बिहारशरीफ के सलेमपुर मोहल्ला में घुसा बाढ़ का पानी।

जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि झारखंड में बारिश कम हुई है और जिले में भी बारिश नहीं के बराबर हुई है। इस कारण थोड़ी राहत मिली है और आगामी कल और राहत की उम्मीद है। जिले में सामान्य वर्षापात 2-3 मिमि है। उन्होंने बताया कि फल्गु नदी के उद्गम स्थल चतरा, हजारीबाग, सकरी नदी के उद्गम स्थल हजारीबाग और कोडरमा में 1 से 2-5 मिमि तक बारिश हुई है, जबकि गिरिडीह में बारिश नहीं हुई है। ऐसे में नदियों के जलस्तर में आगामी कल तक और कमी आयेगी।

पानी के बहाव से क्षतिग्रस्त हिलसा-चिकसौरा सड़क।

उन्होंने बताया कि उदेरा स्थान बराज में पानी का बहाव कम हुआ है। कल सुबह तक बराज का सभी गेट खुला हुआ था, लेकिन अब 18 गेट बंद किया गया है। मात्र 12 गेट से पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार को 15979 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। उन्होंने बताया कि गया के मानपुर में फल्गु नदी में पानी का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा अधिक है। इसी कारण नदियों में जलस्तर अधिक है।