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नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा- देश में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए पड़ेगी लगभग 25 करोड़ डोज की जरुरत


  • विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिल सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए ट्रायल में तेजी लाने का फैसला किया है.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल के अनुसार देश में बच्चों के वैक्सीनेशन की रणनीति पर लगातार काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, 5 से 12 वर्ष की आयुवर्ग वाले बच्चों पर कोवैक्सीन और जायडस कैडिला के टीकों का परीक्षण शुरू किया जा चुका है. डॉ. वीके पॉल का मानना है कि एक बार बच्चों के टीकाकरण का अभियान शुरू हो जाता है तो हमें एक ही समय में सबके लिए टीके उपलब्ध कराने की जरुरत होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें लगभग 25 करोड़ डोज की जरुरत होगी और इस बारे में कोई भी रणनीति बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखना होगा.

डॉ. वीके पॉल ने कहा, “बच्चों के लिए किस वैक्सीन का इस्तेमाल होगा ये सवाल बहुत सी बातों के साथ साथ इनकी आबादी पर भी निर्भर करता है. देश में बच्चों की जनसंख्या छोटी नहीं है. यदि हम केवल 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग की बात करें तो इनकी जनसंख्या लगभग 13 से 14 करोड़ होगी. इतनी बड़ी आबादी के वैक्सीनेशन के लिए हमें लगभग 25 से 26 करोड़ डोज की जरुरत होगी. हमें ये सभी डोज एक बार में ही उपलब्ध करानी होगी. कुछ बच्चों को वैक्सीन लगे और कुछ इस से वंचित रह जाए हम ऐसा बिल्क़ुल नहीं होने दे सकते.”

थ ही उन्होंने कहा, “हमें इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए अपनी रणनीति बनानी है. पहला कि हमें कौन सी वैक्सीन देनी है. फिलहाल फायजर इसके लिए सबसे उपयुक्त लग रही है. लेकिन कोई भी निर्णय लेने से पहले हमें इस बात को ध्यान में रखना है कि हमारा निर्णय किन के लिये है. हम लगातार इन सभी बातों पर विचार कर रहे हैं.”