पटना

नीतीश कैबिनेट का फैसला: हर जिले में बनेगा मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल गृह


      • जिलों में 100-100 तो अनुमंडल में 50-50 बेड का बनेगा
      • अतिथि शिक्षकों का बढ़ा मानदेय
      • बिजली कंपनियों को 7465 करोड़ का अनुदान

(आज समाचार सेवा)

पटना। सरकार ने निराश्रित, उपेक्षित, बेसहारा एवं अन्य वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय देने के लिए सभी जिलों मे वृद्धजन आश्रय स्थल गृह बनाने का फैसला लियस है। चालू वित्तीय वर्ष से सभी शहरों में चरणवद्ध ढंग से इसका निर्माण कराया जायेगा।

राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षेंकों एवं आकस्मिक शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि करने का फैसला लिया है। इनकी संख्या वर्तमान में लगभग सात हजार है तथा इन्हें एक हजार रुपये प्रति कार्य दिवस मिलता था अब उन्हें १५०० रुपये प्रति कार्य दिवस या अधिकतम ५० हजार रुपये प्रति माह दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त बिजल कंपनियों को चालू वित्तीय वर्ष में होने वाली राजस्व क्षति की भरपायी के लिए ७४६५ करोड़ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।

मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य के निराश्रित, उपेक्षित, बेसहारा एवं अन्य वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय देने के लिए सभी जिलों मे मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल गृह बनाने का फैसला लिया गया है। चालू वित्तीय वर्ष से सभी शहरों में चरणवद्ध ढंग से इसका निर्माण कराया जायेगा। इसकी स्वीकृति दी गयी है। प्रत्येक जिला मुख्यालयों में वृद्धजनों के आश्रय के लिए १०० बेड तथा अनुमंडल मुख्यालयों में ५० बेड अर्थात पूरे राज्य में १३९ आश्रय स्थल का निर्माण कराया जायेगा। इसकी आवासन क्षमता ६९५० होगी।

इसके निर्माण पर कुल ६३ लाख रुपये प्रति वर्ष खर्च किये जायेंगे। स्वास्थ्य विभाग एवं इसके अंतर्गत विभिन्न अस्पतालों, कार्यालयों, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानें अनुपयोगी मशीनें, उपस्कर, एंबुलेंस और शव वाहनों की एमएसटीसी क माध्यम से नीलामी करने का निर्णय लिया गया है। बिहार तकनीकी सेव आयोग में विधि पदाधिकारी के अतिरिक्त अन्य २८ पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है। इसके अतिरिक्त सूचना आयोग में तीन वाहन चालक के पद सृजित किये गये हैं।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को विद्युत खपत में प्रति इकाई निर्धारित अनुदान की राशि के लिए ६०४३ करोड़ की मंजूरी दी गयी है। वहीं आयोग द्वारा निर्धारित एटीएंड सी लॉस से अधिक अनुमानित एटी एंड सी लॉस के कारण राज्य सरकार द्वारा बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के दोनो वितरण कंपनियों को अनुमानित वित्तीय हानिक की राशि की भरपायी के लिए १४२२ करोड़ एनटीपीसी को बिल भुगतान के लिए देने का प्रस्ताव स्वीकृ़त किया गया है।