काठमांडू(एजेंसी)। नेपाल में सियासी खींचतान चरम पर पहुंच चुकी है। 2 दिन पहले नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने के.पी .ओली सरकार की सिफारिश पर देश की संसद को भंग कर दिया। नेपाल में अब मध्यावधि चुनावों की घोषणा हो चुकी है। अप्रैल में दो चरणों में चुनाव होंगे। राष्ट्रपति के अनुसार 30 अप्रैल और 10 मई को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद से हटाने और पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की घोषणा की। इससे पहले ओली ने संगठन पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्यीय नई समिति का गठन किया था। इस बीच बुधवार को ओली को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के संसदीय नेता के पद से हटा दिया गया है। ओली की जगह पार्टी के संयुक्त अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंडÓ को संसद में सत्तारूढ़ पार्टी का संसदीय नेता चुना गया है। बुधवार दोपहर को ओली और दहल गुट के बीच बैठक हुई, जिसमें पुष्प कमल दहल ‘प्रचंडÓ को सर्वसम्मति से चुना गया। पार्टी के खिलाफ जाने के चलते ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा है। बैठक में प्रचंड के धड़े ने पार्टी के सीनियर नेता माधव कुमार नेपाल को दूसरे चेयरमैन के तौर पर नामित किया। केंद्रीय समिति के 315 सदस्यों ने माधव कुमार के समर्थन में मत देकर उन्हें ओली के स्थान पर कम्युनिस्ट पार्टी का दूसरा चेयरमैन बना दिया। पार्टी के पहले चेयरमैन प्रचंड ही रहेंगे। समिति की सदस्य रेखा शर्मा ने बताया कि दोनों नेता बारी-बारी से पार्टी की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने बताया कि ओली को पार्टी के खिलाफ जाने के कारण चेयरमैन पद से हटाया गया है। ओली और प्रचंड खेमों के बीच टकराव से बढ़ी सियासी खींचतान के बीच एक बार फिर से चीन की दखलअंदाजी सामने आई है। काठमांडू में जारी सियासी गतिरोध के बीच नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांकी ने मंगलवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि दोनों के बीच एक घंटे तक बातचीत चली।