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नेपाल में नई सरकार बनाने की ओर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ओली को नहीं मिल सका बहुमत


  • काठमांडू,। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (K P Sharma Oli) के विश्वासमत खोने के बाद नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (Bidya Devi Bhandari) ने नई बहुमत की सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को बुलाकर तीन दिन का समय दिया है और गुरुवार रात 9 बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने को कहा। बता दें कि केपी शर्मा ओली संसद में बहुमत के लिए आवश्यक 136 वोट हासिल करने में असफल रहे। इसके तुरंंत बाद देश के विपक्षी दलों- नेपाली कांग्रेस, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल( माओवादी केंद्र) और जनता समाज पार्टी ने एकजुट हो राष्ट्रपति भंडारी से अपील की कि नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को शुरू कर दें।

संसद के विशेष सत्र में वोटिंग के दौरान ओली को केवल 93 वोट मिले जबकि उन्हें कम से कम 136 वोटों की जरूरत थी। विश्वास मत के खिलाफ 124 वोट पड़े, 15 सांसद तटस्थ रहे जबकि 35 सांसद वोटिंग से गायब रहे। इसके साथ ही अनुच्छेद 100(3) के मुताबिक अपने आप ही ओली PM पद से मुक्त हो गए। राष्ट्रपति के ऑफिस से सोमवार को जारी एक बयान में बताया गया कि राष्ट्रपति भंडारी ने नई सरकार के लिए नेपाल संविधान का अनुच्छेद 76 (2) के जरिए कदम उठाया है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार उम्मीदवार को सांसदों के हस्ताक्षर चाहिए होंगे। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने सभी पार्टियों से बहुमत की सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कहा है। इससे पहले विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी।

सोमवार को संसद में ओली ने कहा कि देश के विकास के लिए रात-दिन एक करने वाले सरकार को संकीर्ण गुटों ने निशाने पर ले लिया। देउबा व प्रचंड समेत दिग्गज नेताओं ने ओली पर कोविड-19 मामलों के प्रबंधन को लेकर आरोप लगाया है। इनका कहना है कि भारत से होने वाले वैक्सीन डिलीवरी का समय से सप्लाई में भ्रष्टाचार व साजिशों के कारण रुकावट आई।