नई दिल्ली, पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी के बोलते ही विपक्षी दलों ने अदाणी के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। मोदी ने कहा कि सदन में कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली है। माननीय सदस्यों को मैं कहूंगा कि ‘कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाल… जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल’। जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज्यादा खिलेगा।
राज्यसभा में बोल रहे पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि बीते दशकों में अनेक बुद्धजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है। देश का मार्गदर्शन किया है। इस सदन में अनेक साथी ऐसे हैं। जो अपने व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत सिद्धियां प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने बड़े काम भी किए हैं। इसलिए, इस सदन में जो भी बात होती है, उस बात को देश गंभीरता से सुनता है।
11 करोड़ घरों को नल से जल मिल रहा
एक जमाना था किसी गांव में एक हैंडपंप लगा दिया तो उसका एक हफ्ते तक उत्साह मनाया जाता था। हमने जल संरक्षण, जल सिंचन हर पहलू पर ध्यान दिया है। पिछले तीन-चार सालों में 11 करोड़ घरों को नल से जल मिल रहा है। कोई परिवार पानी के बिना नहीं चल सकता। भविष्य को देखते हुए हमने समाधान के रास्ते चुने।
कांग्रेस परिवार ने किए गड्ढे
मोदी ने कहा कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने किए। जब वो गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे। तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे।
पहले योजनाएं अटकाई, लटकाई जाती थी
हमारी देश में पहले परियोजनाएं अटकाना, लटकाना, भटकाना ये उनकी कार्यशैली का हिस्सा बन गया था। यही उनका कार्य करने की तरीका था। ईमानदार टैक्स पेयर्स की कमाई का नुकसान होता था। हमनें टेक्नोलॉजी को तैयार किया। पीएम गतिशक्ति प्लान लेकर आए। 1600 लेयर में डेटा के जरिए विकास को गति देने का काम हो रहा है।
खरगे को पीएम का जवाब
पीएम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी जवाब दिया। मोदी ने कहा, “कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा, लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं। सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं।” मोदी ने कहा कि इसे देखकर उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं। आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली। अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बैंकों का एकीकरण इस इरादे से किया था कि गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले, लेकिन इस देश के आधे से अधिक लोग बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाए थे। हमने स्थायी हल निकालते हुए जन-धन बैंक खाते खोले। इसके जरिए देश के गांव तक प्रगति को ले जाने का काम हुआ है।
आज औसत 22 घंटे बिजली मिल रही
पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी। गांव के बीच में खंबा डाल दिया तो हर साल उसका समाचार बनाते थे। आज औसत हमारे देश में 22 घंटे बिजली दी जा रही है। हमें इस काम के लिए नई ट्रांसमिशन लाइन लगानी पड़ी। नए ऊर्जा उत्पादन के लिए काम करना पड़ा। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करना होगा। हमने लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा। राजनीति घाटे-फायदे के बारे में नहीं सोचा। आने वाले कल को उज्जवल करने के बारे में सोचा।
अमृतकाल में उठाया अहम कदम
आजादी के अमृतकाल में हिम्मत भरा कदम उठाया। हर योजना के लाभार्थियों को शत प्रतिशत लाभ कैसे पहुंचे। सरकार इस रास्ते पर ईमानदारी के साथ चल रही है। हमने इसका संकल्प लिया है। सैचुरशन तक पहुंचने का मतलब होता है। भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है। सामाजिक न्याय की ये असली गारंटी है। ये सच्चा सेक्युलरिज्म है।
कांग्रेस को जनता दे रही सजा
मोदी ने कहा कि कांग्रेस को बार-बार देश नकार रही है, लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है। जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सजा भी दे रही है।
पीएम मोदी ने गिनाई योजनाएं
2014 से पहले जब उनकी सरकार थी, तब एलोकेशन 20-25 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहता था। हमने इस साल 1 लाख 20 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। हमने बीते 9 सालों में आदिवासी, जनजातीय भाइयों, बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए 500 नए एकलव्य मॉडल स्कूल पास किए हैं। ये चार गुना ज्यादा बढ़ोतरी है। स्कूलों में हमने 38 हजार लोगों की भर्तियों का प्रावधान किया है। मोदी ने कहा कि आदिवासियों की भावनाओं के साथ खेलने के बजाए अगर कुछ किया होता तो मुझे इतनी मेहनत करनी नहीं होती। ये काम पहले हो सकता था, लेकिन ये उनकी प्राथमिकता में नहीं था।
हमने गरीबों की चिंता की
इनकी राजनीति, समाजनीति, अर्थनीति वोट बैंक के आधार पर ही चलती रही। इस कारण समाज की जो ताकत होती है। स्वरोजगार के कारण देश की आर्थिक गतिविधि बढ़ाने वाला सामर्थ्य इन्होंने नजरअंदाज कर दिया। मुझे गर्व है मेरी सरकार ने रेहड़ी, ठेले, फुटपाथ पर काम करने वाले लोगों की सुनी। ब्याज के चक्कर में जिनका जीवन बर्बाद हो जाता था। उन गरीबों की चिंता हमने की।
किसानों के लिए कई काम किए
सभापति जी आप तो स्वयं किसान पुत्र हैं। इस देश के किसानों के साथ क्या बीती है। ऊपर के एक वर्ग को संभाल लेना और उनसे अपनी राजनीति चलाए रखना, ये ही सिलसिला चलता रहा। इस देश की कृषि की ताकत छोटे किसानों में है। छोटे किसान उपेक्षित थे। उनकी आवाज कोई सुनने वाला नहीं था। हमने इन किसानों पर ध्यान केंद्रित किया। इनको बैंकिंग के साथ जोड़ा। आज साल में तीन बार सीधे पीएम किसान सम्मान निधि इनके खातों में जमा होती है। हमने पशुपालन, मछुआरों को बैंकों से जोड़ा। उनको ब्याज में रियायत देकर उनके आर्थिक सामर्थ्य को बढ़ाया, जिससे वो अपना व्यवसाय बढ़ा सकें।
मिलेट ईयर के लिए यूएन को लिखा
बहुत सारे किसान ऐसे हैं, जिनको बरसाती पाने से गुजारा करना पड़ता है। पिछली सरकारों ने सिंचाई की व्यवस्था नहीं की। मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को हमने विशेष ध्यान दिया। यूएन को मिलेट ईयर मनाने के लिए लिखा। मोटे अनाज को श्री अन्न योजना के रूप में शुरू किया। ये छोटे किसानों को भी मजबूत करेगा।
बेटियों, माताओं के लिए चलाईं योजनाएं
मोदी ने कहा कि बेटियों को कोख में मारने की प्रवृत्ति बढ़ गई थी, हमने बेटी बचाओ अभियान चलाया। आज मुधे खुशी है कि बेटे आज जन्म लेते हैं। उसकी तुलना में बेटियों की संख्या बढ़ रही है। ये हमारे लिए संतोष का विषय है। बेटी जब बड़ी होकर स्कूल जाए और शौचालय के अभाव में स्कूल छोड़ दे। हमने स्कूलों में बच्चियों के लिए अलग टॉयलेट बनाएं। बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसलिए हमने सुकन्या समृद्धि योजना चलाई। बेटी बड़ी होकर अपना काम करने के लिए बिना गारंटी मुद्रा योजना से लोन ले सकती है।
मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 70 फीसदी माताएं, बेटियां हैं। मां बनने के बाद भी नौकरी जारी रख सके, इसके लिए मातृत्व अवकाश में हमने वृद्धि की है। बेटियों के लिए हमने सैन्य स्कूल खोले। हमारी बेटियां अबला नहीं, सबला हैं। वो सेना में जाकर अफसर बनना चाहती हैं। आज गर्व होता है कि सियाचिन में मेरे देश की बेटी मां भारती की रक्षा करने के लिए तैनात होती है।
देश में शुभ अवसर देखने को मिला
बजट सत्र के लिए गर्व की बात है। बजट सत्र का प्रारंभ महिला राष्ट्रपति के द्वारा होता है। बजट सत्र का विधिवत प्रारंभ महिला वित्त मंत्री के द्वारा होता है। देश में ऐसा संयोग पहले कभी नहीं आया। हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसे शुभ अवसर आगे भी देखने को मिले।
कांग्रेस पर हमलावर मोदी
ये विज्ञान के विरोधी, ये टेक्नोलॉजी के विरोधी हैं। हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम करने का मौका नहीं छोड़ते हैं। ये देश को बदनाम करने के रास्ते खोज रहे हैं। उनको देश की चिंता नहीं, अपनी राजनीति की चिंता है।
“नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी
मैंने किसी अखबार में पढ़ा था। 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू के नाम पर हैं। किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू जी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ, तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं। खून गर्म हो जाता है। मैं बहुत आर्श्चयचकित हूं, ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से क्यों डरता है। क्या शर्मिंदगी है। इतना महान व्यक्तित्व अगर आपको, परिवार को मंजूर नहीं.. हमारा हिसाब मांगते रहते हो।
मोदी का तंज
यहां रोजगार की भी चर्चा हुई। मैं हैरान हूं, इनको ये मालूम नहीं है कि नौकरी और रोजगार में फर्क होता है। जिनकों ये नहीं पता वो हमें उपदेश दे रहे हैं। नए नैरेटिव गढ़ने के लिए झूठ फैलाने के प्रयास हो रहे हैं। बीते नौ सालों में अर्थव्यवस्थाओं का विस्तार हुआ है।
आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग
हम पर राज्यों के परेशान करने के आरोप लगते हैं। जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं। उन्होंने राज्यों की अधिकारियों की धज्जियां उड़ा दी थी। मोदी ने कहा कि इतिहास उठा कर देख लिजिए कि वे कौन सी पार्टी थी, जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया, उनका नाम है श्रीमती इंदिरा गांधी।