गुरुग्राम। भारत के युवाओं को नौकरी के नाम पर झांसा देकर दूसरे देशों में उनकी तस्करी करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार यूट्यूबर बॉबी कटारिया को कोर्ट से तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
पीड़ितों के सामने आने के बाद एनआईए ने जिला पुलिस के साथ मिलकर कई जगहों पर रेड की और बॉबी को गिरफ्तार किया। उससे सिंडिकेट के बारे में पूछताछ भी की गई। फिलहाल वह क्राइम ब्रांच सेक्टर 10 की गिरफ्त में है।
चीनी और पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा मानव तस्करी का रैकेट चलाने की बात उजागर होने के बाद संभावना है कि इस मामले की जांच आगे एनआईए ही करेगी। इस दौरान उससे रैकेट और पैसों के लेनदेन की जानकारी ली जाएगी।
यूट्यूबर बॉबी कटारियों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर निवासी अरुण कुमार की शिकायत पर सोमवार को बजघेड़ा थाने में मानव तस्करी, धोखाधड़ी से रोजगार के नाम पर विदेश भेजने समेत अन्य धाराओं में यूट्यूबर बॉबी कटारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
इस दौरान पीड़ित ने बताया था उसे व एक अन्य साथी मनीष को एक साथ लाओस भेजा गया। यहां जबरदस्ती उससे साइबर फ्राड करने के लिए मजबूर किया गया। यहां पहले से ही डेढ़ सौ से ज्यादा भारतीय मजबूरन इसी काम में लगे हुए थे। वहां से बचकर आने के बाद उसने पुलिस को शिकायत दी।
इसके बाद एनआईए, बजघेड़ा थाना पुलिस और सेक्टर 10 क्राइम ब्रांच की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपित के विभिन्न ठिकानों पर रेड की। 109 सेक्टर स्थित कार्यालय से बॉबी कटारिया को धर दबोचा गया।
आरोपित की गिरफ्तारी के दौरान इसके पास से 20 लाख रुपये की नकदी, चार मोबाइल फोन व कागजात बरामद किए गए। एनआईए के अधिकारियों ने भी बॉबी कटारिया से गहनता से पूछताछ की।मंगलवार को इसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से इसे तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया है। आगे एनआईए इससे पूछताछ कर सकती है।
ऐसे सामने आया विदेशी सिंडिकेट
विदेशी सिंडिकेट द्वारा महाराष्ट्र से भेजे गए जब कुछ पीड़ित वापस देश आए। इसके बाद मामला संज्ञान में आया। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने इसकी जांच कराई। एनआईए ने 13 मई 2024 को मुंबई पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया। इसमें पाया गया कि मानव तस्करी का रैकेट मुंबई के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों और सीमा पार अन्य मददगारों व तस्करों द्वारा संचालित किया जा रहा है।
जांच में पता चला कि इस गिरोह में पाकिस्तानी और चीनी नागरिक शामिल हैं। मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों की ओर से संचालित रैकेट द्वारा भारत के युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर फर्जी काल सेंटरों में काम करने के लिए भेजा जा रहा था।
कैसे रुपये आते थे, इसका पता लगाएगी एनआईए
सूत्रों के अनुसार बॉबी कटारिया भी इसी सिंडिकेट का हिस्सा था। वह यहां के युवाओं को रोजगार का लालच देकर दूसरे देश भेज रहा था। इसके एवज में वह युवाओं से भी लाखों रुपये लेता था। सिंडिकेट द्वारा भी इसे मोटी राशि मिलने की संभावना है।
एनआईए पूछताछ में यह पता लगा सकती है कि इसे वहां से कैसे रुपये भेजे जाते थे। क्या ये हवाला के जरिए कैश लेता था या फिर इसके खाते में विदेश से पैसा आता था। कितने लोगों को बॉबी यहां से भेज चुका था। इसने युवाओं को कौन-कौन से देश भेजा। यह दूसरे देश के कितनों लोगों के संपर्क में था। एनआईए इन सभी तथ्यों के बारे में जांच करेगी।
सूत्रों के अनुसार एनआईए उन लोगों के परिवारों से भी बातचीत करेगी, जिन्हें बॉबी कटारिया ने रोजगार के लिए दूसरे देश भेजा। यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या वो लोग वापस आए, या वहीं फंसे हुए हैं। संभावना है कि बजघेड़ा थाने में दर्ज केस की जांच को भी वह अपने हाथ में ले ले।