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पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले, आज से शुरू होगी नई पारी


चंडीगढ़ , : पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह 80 वर्ष की उम्र में आज राजनीति में नई पारी की शुरुआत करेंगे। कैप्टन अमरिंदर आज अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (Punjab Lok Congress) का भाजपा में विलय करेंगे।

नई दिल्‍ली में आयोजित समारोह में उनके समर्थक, करीबी कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता लेंगे।  भाजपा में पार्टी के विलय से पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार सुबह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की।

कांग्रेस के कुछ पूर्व विधायक भी लेंगे भाजपा की सदस्यता

कैप्टन अमरिंदर के साथ कुछ पूर्व विधायक भी भाजपा में शामिल होंगे। इनमें से तीन मुक्तसर से करन कौर बराड़, माहिल कलां से हरचंद कौर और भदौड़ से पिरमल सिंह के नाम सामने आए हैं। वहीं कैप्टन के पुत्र रणइंदर सिंह और बेटी जयइंदर भी भाजपा में शामिल होंगे। हालांकि कैप्टन की पत्नी और पटियाला से कांग्रेस सांसद परनीत कौर इस मौके पर उपस्थित नहीं रहेंगी। इसका बड़ा कारण यह है कि अगर वह भाजपा में शामिल होती हैं तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता छोड़नी होगी।

कैप्‍टन अमरिंदर की चौथी पार्टी होगी भाजपा

भाजपा में शामिल होने के लिए कैप्टन रविवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। एक तरफ कैप्टन आज होने वाले शो को मेगा शो बनाने की तैयारी कई दिनों से कर रहे थे तो दूसरी तरफ कई वरिष्ठ नेता नफे-नुकसान का आंकलन करने में जुटे हुए रहे। 80 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर सिंह की राजनीतिक रूप से यह चौथी पार्टी होगी।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का राजनीतिक सफर

कैप्‍टन 1980 में पहली बार कांग्रेस टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीते थे। 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में उन्होंने न केवल लोकसभा से बल्कि कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुए और 1985 में तलवंडी साबो से विधानसभा चुनाव जीता, लेकिन कुछ समय बाद वह फिर कांग्रेस में शामिल हो गए।

2002 से 2007 तक वह पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस को लगातार दो बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2017 में एक बार फिर कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस ने पंजाब में सरकार बनाई। परंतु सितंबर 2021 में कांग्रेस से मनमुटाव के कारण कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

इसके बाद उन्होंने अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का गठन किया। 2022 के विधानसभा चुनाव उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन करके लड़ा लेकिन उनकी पार्टी का कोई भी नेता चुनाव नहीं जीत सका। इसके बाद से ही कैप्टन की पार्टी की भाजपा में विलय को लेकर चर्चा चल रही थी।