चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने घोषणा कर दी है कि छह फरवरी को राहुल गांधी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर देंगे। मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए कांग्रेस के पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने अथक मेहनत की है। उन्होंने हर मंच पर पंजाब माडल को भी पेश किया। ईमानदारी का ढोल भी जमकर पीटा। पार्टी की तरफ से यह संकेत मिल रहे हैं कि चरणजीत सिंह चन्नी ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनेंगे। इस घोषणा में भले ही अभी एक दिन का समय पड़ा हो, लेकिन चर्चा यह है कि कांग्रेस ने अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया तो गुरु क्या करेंगे? सिद्धू पहले ही सबसे कड़े चुनावी मुकाबले से जूझ रहे हैं। उनका सेलिब्रिटी स्टेटस भी इस चुनावी रण में गुम हो चुका है और ऐसे में अगर कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा बनने की लालसा नहीं पूरी होती है तो बात कुछ यूं कही जाएगी कि सबकुछ गंवा कर होश में आए तो क्या हुआ?
टी-20 में अगर सुपर ओवर हो तो उसका रोमांच ही अलग होता है। अगर ऐसा ही कुछ राजनीति में देखने को मिले तो फिर क्या बात है। ऐसा ही एक सुपर ओवर अमृतसर में पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और शिअद के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच खेला जा रहा है। इस मैच का परिणाम भले ही 10 मार्च को आएगा, लेकिन इसकी चर्चा चारों तरफ है। हो भी क्यों नहीं, क्योंकि मजीठिया ने अपने ‘नागपाश’ में नवजोत सिंह सिद्धू को फांस जो लिया है। मजीठिया पर सिद्धू हमेशा ही हमलावर रहे। वह उन्हें अपने सामने लड़ने के लिए ललकारते रहे। मजीठिया ने जब मजीठा और अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीटों से नामांकन किया तो सिद्धू ने उन्हें ललकारा। अगर हिम्मत है तो केवल अमृतसर से लड़कर देखें। दो हलके से क्यों लड़ रहे हैं। अब सिद्धू को क्या पता था कि माझा का जरनैल मजीठा छोड़कर उन्हीं के हलके में डेरा डाल लेगा।