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पंजाब सरकार के पास गोदाम ही नहीं, गेहूं की खरीद के लिए किसान कर रहे इंतजार; FCI ने शुरू की खरीद


मोगा,। पंजाब के मोगा में किसानों को सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार है। जिले की मंडियों में गेहूं की आमद शुरू होने से तीन दिन बाद भी किसानों को सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार है, वहीं मोगा में एफसीआई के साइलो प्लांट में मंगलवार से ही एफसीआई की खरीद शुरू हो चुकी है।

पहले दिन 200 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई, बुधवार को सुबह से ही फिरोजपुर रोड नेशनल हाईवे के दोनों ओर गेहूं लेकर पहुंचे किसानों के ट्रैक्टर ट्रालियों की दो-दो किलोमीटर तक लंबी लाइनें लग गई थी। उधर मंडियों में खरीद शुरू न होने से नाराज आढ़ती एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को डीसी कुलवंत सिंह से मिलेगा। एसोसिएशन जल्द से जल्द खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

क्या है मामला

मोगा में एफसीआई के पास नौ लाख मीट्रिक टन गेहूं स्टोर करने की क्षमता का अत्याधुनिक तकनीक वाला साइलो प्लांट है। इस सीजन में प्लांट में 1.50 लाख मीट्रिक टन जगह खाली है। गेहूं की शिफ्टिंग दूसरे प्रदेशों में चल रही है, प्लांट के प्रबंधकों को उम्मीद है कि सीजन के दौरान ही 20 हजार मीट्रिक टन की जगह और खाली हो सकती है, यानी एफसीआई के साइलो प्लांट में इस बार 1.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं स्टोरेज की क्षमता हो सकती है।

जिले में कुल सात लाख मीट्रिक टन गेहूं आने की संभावना है, एफसीआई के पास अपना स्टोरेज प्लांट के साथ ही गेहूं की क्वालिटी की जांच करने के लिए प्रयोगशाला व पर्याप्त मात्रा में उपकरण हैं, जिसके चलते मंगलवार को जैसे ही सरकार ने गेहूं खरीद के लिए 24 मानक तय किए उसके साथ ही एफसीआई ने गेहूं खरीद शुरू कर दी।

साइलो प्लांट में पहले दिन 200 मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा, एफसीआई की क्वालिटी कंट्रोल की टीम प्लांट में मौजूद है, गेहूं प्लांट में पहुंचते ही उसका सैंपल लेकर क्वालिटी की जांच करने के साथ ही कुल मूल्य की रसीद किसानों को धमाई जा रही है, रसीद मिलने के 48 घंटे में किसान के खाते में उसके गेहूं की क्वालिटी के आधार पर कीमत पहुंच जाएगी।

राज्य सरकार की खरीद के लिए तैयारी ही नहीं

गौरतलब है कि राज्य की खरीद एजेंसियों के सामने इस बार सबसे बड़ी समस्या स्टोर की है। उनके पास गेहूं की क्वालिटी की जांच करने के लिए उपकरण तो हैं लेकिन पर्याप्त नहीं है, इसके लिए वे एफसीआई पर निर्भर हैं। केन्द्र सरकार ने सीजन शुरू होने से पहले ही नीति बना दी थी कि इस बार गेहूं खुले में स्टोर नहीं किया जाएगा।

सरकार ने राइस मिलों को स्टोरेज के लिए मंडी तो घोषित कर दिया, लेकिन अधिकांश राइस मिलों के पास भी ओपन स्टोरेज की सुविधा है,गोदाम बहुत कम राइस मिलर्स के पास उपलब्ध हैं। केंद्र की नीति आने के बाद से अब तक पंजाब सरकार अपने स्तर पर गेहूं स्टोरेज के लिए गोदामों की व्यवस्था ही नहीं कर सकी है। जिले में पहले 80 प्रतिशत गेहूं ओपन प्लिंथ में लगता था, इस बार ओपन में नहीं लग पाएगा।

स्टोरेज की समस्या को लेकर ही राज्य की खरीद एजेंसियां मंडियों में अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं कर पा रहे हैं, बहाना ये लगाया जा रहा है कि केंद्र ने गेहूं की क्वालिटी को लेकर 24 कैटेगरी बना दी हैं, हर ढेरी से उस कैटेगरी के गेहूं का पता करना मुश्किल है। जबकि एफसीआई ने ऐसा करना शुरू कर दिया है, हर किसान के गेहूं को चेक किया जा रहा है, उसी के अनुसार उन्हें पेमेंट दिया जा रहा है।

क्या कहते हैं आढ़ती

मोगा आढ़तीएसोसिएशन के महासचिव राहुल गर्ग का कहना है कि एसोसिएशन ने मंगलवार को राज्य की सभी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर खरीद शुरू करने के लिए कहा था लेकिन एजेंसियां खरीद शुरू करने के लिए ना नुकूर कर रही हैं, हड़ताल के सवाल पर उन्होंने कहा कि आढ़ती हड़ताल क्यों करेंगे, वे तो चाहते हैं खरीद शुरू हो, इसीलिए वे आज डीसी कुलवंत सिंह से मिलने जा रहे हैं, उनसे भी खरीद जल्द से जल्द शुरू करने की मांग करेंगे।