पटना

पटना: आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा


लोक सेवक की ड्यूटी के दौरान हत्या के चलते रिहाई संभव नहीं

(आज समाचार सेवा)

पटना। पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में जबरदस्त हंगामा किया। हंगामा के बीच प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने सदन को बताया कि आनंद मोहन के खिलाफ गोपालगंज डीएम की ड्यूटी के दौरान हत्या का मामला है। प्रावधान के अनुसार ड्यूटीरत लोक सेवक के हत्यारे को परिहार के तहत रिहाई नहीं की जा सकी है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट आनंद मोहन के पुत्र व विधायक चेतन आनंद समेत कई अन्य विधायक बेल में आकर धरना पर बैठ गये।

हालांकि स्पीकर ने हंगामे की स्थिति को भांप सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक क लिए स्थगित कर दी। दरअसल राजद के ललित कुमार यादव समेत कई अन्य सदस्यों ने धनाकषर्ण सूचना के माध्यम से जानना चाहा था कि विभिन्न काराओं में बड़ी संख्या में उम्र कैद की सजा प्राप्त कैदी अपनी निर्धारित सजा अवधि को पूरा करने के बाद भी राज्य परिहार पर्षद परिषद द्वारा निर्णय नहीं लिये जाने के कारण जेलों में वेबजह निरुद्घ हैं।

ध्यानाकर्ष का जवाब देते हुए प्रभारी ग्रह मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि परिहार परिषद की अंतिम बैठक ३ नवंबर २०११ को हुई है। अब तक ३७४ से अधिक कैदियों की रिहाई हो चुकी है। उन्होंनें कहा कि कारामुक्ति उनका वैधानिक अधिकार नहीं है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट संपूर्ण विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने प्रश्नों की झड़ी लगा दी। राजद के डा मुकेश रौशन, आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद एवं माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि आनंद मोहन के मामले में सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है।

सरकार जानबुझ कर उन्हें रिहा नहीं कर रही है। चेतन आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि किसी को सजा अवधि पूर्ण करने के बाद जेल में निरुद्घ नहीं रखा जा सकता। सरकार दिल्ली मॉडल के अनुरूप पूरी पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करते हुए क्यों नही आनंद मोहन जी को रिहा करना चाहती है।

राजद के छोटे लाल राय के सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा कि डा राजेंद्र प्रसाद की जन्म स्थली का सौंदर्यीकरण एवं तोरण द्वार का निर्माण करायेगी। इसके लिए पर्यटन विभाग ने जिलाधिकारी सीवान से एनओसी एवं अन्य रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई करेगी।