कैबिनेट का फैसला : सीएम होंगे कुलाधिपति, डीडीसी और बीडीओ के अधिकार में कटौती
(आज समाचार सेवा)
पटना। सरकार ने अपने पूर्व के घोषणाओं को तीन नये विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इंजीनियिरिंग विश्वविद्यालय, खेल विश्वविद्यालय एवं मेडिकल विश्वविद्यालय खोले जायेंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव पर शुक्रवार को कैबिनेट की मुहर लग गयी है। ये तीनों विश्वविद्यालय से संबंधित प्रस्तावित विधेयक को विधानमंडल से पारित कराया जायेगा।
सूत्रों के अनुसार नवगठित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति मुख्यमंत्री होंगे। नियुक्ति एवं अन्य कार्यों के लिए राजभवन की भूमिका समाप्त हो जायेगी। अब तक विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति राज्यपाल हुआ करते थे। अब यह नयी व्यवस्था बहाल होगी। इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने प्रचायती राज विभाग के उस विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें जिला परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी उप विकास आयुक्त तथा पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी हुआ करते थे।
अब नयी व्यवस्था के तहत डीडीसी के उप सचिव स्तर के अधिकारी कार्यपालक अधिकारी होंगे, जबकि पंचायत समिति में पंचायत राज पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी के रुप में कार्य करेगे। इन दोनों विधेयकों के राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद इससे संबंधित संकल्प दोनों विभाग जारी करेगा। एक अन्य विधेयक को मंजूरी दी गयी है जो बिहार राज्य राजकोषीय उत्तरदायित्व प्रबंधन विधेयक संशोधन विेधेयक होगा। सरकार प्रत्येक वर्ष इसे दोनों सदन के पटल पर रखती है।
जेलों से बंद सजायाफ्ता कैदी होंगे रिहा, आरटीपीएस में दो और सेवा शामिल
(आज समाचार सेवा)
पटना। सरकार ने कोविड-१९ के मद्देनजर स्वास्थ्य संरचनाओं के सुदृढिकरण पर १८०९ करोड़ खर्च करेगी। कोविड-१९ के तहत जेलों में भीड़ की समस्या को कम करने के लिए अहम फैसला लेते हुए बंदियों को परिहार का लाभ देते हुए कारामुक्त किया जायेगा। शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है।
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के अनुसार कोविड-१९ के परिपेक्ष्य में राज्य की सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी एवं नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ५४ करोड़ आठ लाख की लागत से प्रेसर स्वींग एड्सारप्सन तथा अॅक्सीजन जेनरेशन प्लांट के संचालन हेतु ट्रांसफरमर की आपूर्ति एवं केबल सहित अधिष्ठापन का कार्य कराया जायेगा। मकसद बिजली की निर्वाध आपूर्ति बहाल रखना है।
इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार एवं सुदृढीकरण पर १७५४.९९ करोड़ खर्च करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत १०१० स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं २२८ एपीएचसी तथा वैसे ६६ प्रखंड जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्मित नहीं हैं इनका निर्माण कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त ५० सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के अतिरिक्त अन्य कार्य मॉडल स्टीमेट के आधार पर कराया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव श्री कुमार ने बताया कि बिहार लोक सेवा का अधिकार कानून २०११ के तहत दो नयी सेवाओं को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत नन क्रीमिलेयर सर्टिफिकेट तथा आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के लिए प्रमाण पत्र अब तय समय सीमा में उपलब्ध्ध कराया जायेगा। कैबिनेट ने औरंगाबाद जिला ओबरा एवं वारूण प्रखंड की नौ एकड़ २७ डिसमल से अधिक जमीन तीन करोड़ १५ लाख में डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर कॉरपोरेशन को हस्तानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। कटिहार के सेमापुर एपीएचसी के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डा विंदेश्वरी प्रसाद साह को पांच वर्ष से अधिक अवधि से अनाधिकृत उपस्थिति के लिए सेवा से बरखास्त कर दिया गया है।
कैबिनेट ने बिहार पशु चिकित्सा सेवा संशोधन नियमावली२०२१, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग कार्य संचालन नियमावली २०२१, कनीय सांख्यिकी संवर्ग नियमावली २०२१ की स्वीकृति दी है। इसके अतिरिक्त बिहार पंचायती राज संशोधन अध्यादेश से संबंधित विधेयक २०२१, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक २०२१ के प्रारूप पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है। जिसे विधानमंडल के चालू सत्र में पारित कराया जायेगा।
अभियंत्रण विश्वविद्यालय के अधीन राज्य के सभी सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज होंगे। वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज चिकित्सा विवि के अधीन आएंगे। अभी इंजीनिर्यंरग और मेडिकल कॉलेज आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते हैं। इंजीनिर्यंरग और मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालय होने से इन संस्थानों में और अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल हो सकेगी। इसी मकसद से यह बनाया गया है।
वहीं, खेल के विकास को लेकर इसका अलग विवि बनाया जा रहा है। राजगीर में खेल विश्वविद्यालय की स्थापनी की जएगी। अन्य दो विश्वविद्यालयों को मीठापुर के समीप स्थापित करने की योजना है। अभियंत्रण विवि की एकेडमिक काउंसिल, जेनरल काउंसिल और प्र्लांनग बोर्ड में आईआईटी पटना, एनआईटी पटना और चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक को भी शामिल किया गया है। कॉलेजों के पाठ्यक्रम और विकास संबंध निर्णयों में इन सबों की भी भूमिका होगी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय पार्ट-2 में भी इन तीनों विश्वविद्यालय की स्थापना को शामिल किया गया है।
चिकित्सा, अभियंत्रण और खेल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति मुख्यमंत्री होंगे। राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल हैं। पहली बार राज्य में इस तरह की व्यवस्था की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाया गया है। कुलाधिपति की सहमति से ही विश्वविद्यालयों में कुलपति समेत अन्य बड़े पदों पर नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा।