नीतीश सरकार का फैसला- म्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को 15 हजार, अप्रैल से सितंबर 2021 तक के लिए होगा भुगतान
(आज समाचार सेवा)
पटना। ग्रामीण क्षेत्रो में कोरोना महामारी के नियंत्रण में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को राज्य सरकार मानदेय के अतिरिक्त इंसेंटिव के रूप में अलग से राशि देगी। स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे निचली इकाई स्वास्थ्य उप केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें इंसेंटिव का भुगतान करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य उप केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत करीब 30 हजार कर्मियों को इंसेंटिव का लाभ होगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को स्वास्थ्य उपकेंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एएनएम और आशा को बेहतर कार्य करने के लिए इंसेंटिव के भुगतान किए जाने का निर्देश दिया है।
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को 25 हजार रुपये मानदेय के अतिरिक्त 15 हजार रुपये इंसेंटिव के रूप में भुगतान किया जाएगा। वहीं, आशा को अधिकतम एक हजार रुपये इंसेंटिव के रूप में भुगतान होगा, जबकि एएनएम को 1500 रुपये इंसेंटिव के रूप में दिये जाएंगे।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के तहत राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को कोविड-19 के प्रबंधन कार्य में ड्यूटी के दौरान उपलब्धि आधारित प्रोत्साहन राशि देने को कहा है। इसके अनुसार अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 तक के लिए ये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त अवधि के लिए पूर्व में जारी निर्देश के अनुसार ही भुगतान होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग का कर्मी लगातार कोरोना जांच और टीकाकरण के कार्य में लगे हुए हैं। इन कर्मियों के माध्यम से 70 फीसदी आबादी के स्वास्थ्य की जांच और कोरोना से बचाव के कार्य किये जा रहे हैं।