पटना

पटना: घाटों पर पानी पहुंचा खतरे के निशान से ऊपर


खतरे से बेखबर हो कर रहे स्टंट

(आज समाचार सेवा)

पटना। राजधानी स्थित एनआईटी घाट पर पानी की भयावहता देख डर लग रहा है। इस घाट पर पानी खतरे के लाल निशान के ऊपर आ चुका है। इसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं। सुबह और शाम दोनों समय एनआईटी घाट पर लोगों का हुजूम लगा रहता है। किसी को भी जान का परवाह नहीं। सोमवार की 4 बजे के आसपास कुछ लोग ऐसे भी दिखे, जो खुद को मौत के गले लगाना चाहते है। बढ़ते हुए पानी में ये लोग मौत से खिलवाड़ करते हुए देखे गये। जबकि कई लोगों ने ऐसा न करने की भी सलाह दी।

एनआईटी घाट पर पानी लगातार बढ़ रहा है। सभी जानते है कि ये घाट लाल निशान के ऊपर है। यानि खतरे के निशान से ऊपर। लेकिन, लोग बूजदिल का काम करते है। वहीं बच्चे भी कम नहीं है। शाम के समय में साइकिल से स्टंट मारते दिखे। तो कुछ लोग पानी में तैरते नजर आये।

एनआईटी घाट के अधिकारियों ने बताया कि डेंजर लेवल 48.60 सेंटीमीटर माना जाता है, लेकिन सोमवार को शाम में 49.60 सेंटीमीटर मापा गया है। इसका मतलब एक सेंटीमिटर उपर पानी बह रहा है। मंदिर के चारों ओर पानी ही पानी दिख रहा है। लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। इसीतरह कृष्णा घाट, रानी घाट, गुलबी घाट, बालूघाट जैसे घाटों पर पानी की रफ्तार दिनों-दिन तेजी से बढ़ रही है।

एनआईटी घाट चौखट तक पहुंच चुका है पनी

एनआईटी घाट के चारों ओर पानी ही पानी दिखाई पड़ रही है। घाट पर स्थापित मंदिरों में एक या दो सीढ़ी डूबने से बची। हलांकि, जिस तरह से पानी बढ़ रहा है आने वाले 24 घंटे के भीतर डूब भी जा सकती है। वहां के कुछ लोगों ने बताया कि मंदिर में सभी को प्रवेश करना मना है। लेकिन, कोई नहीं मानता। सभी को लगता है कि गंगा में पानी बढ़ी है, तो चलो घूमने। लेकिन, थोड़ी-सी चूक हो जायेगी तो कुछ भी हो सकता है। इसके बावजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं है। इस लिए, हम लोग भी हर किसी को मना करते हैं। मना करने के बावजूद लोग पानी में प्रवेश करने उतावले हो जाते है।

घाट लाल निशान के ऊपर लेकिन, जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट नहीं

एनआईटी घाट लाल निशान से उपर हो चुकी है। गंगा में पानी देखकर अब डर लगने लगा है। चारों ओर पानी ही पानी। डरावना-सा दृश्य। लेकिन, लोग बेहिचक पानी में  घुस रहे है। किसी को कोई बोलने वाला नहीं। एक भी पुलिस की तैनाती नहीं। शाम के समय घाटों पर हूजूम जैसा भीड़। जिला-प्रशासन की ओर से घाट पर कोई बैनर नहीं। कोई बेरिकेटिग की व्यवस्था नहीं। जहां चाहे वहां आराम से जा सकेंगे। कोई बोलने वाला नहीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां शाम में एक जीप पुलिस आती है, लेकिन किसी को कुछ नही बोलते। वो भी सिर्फ मुकदर्शक बन कर रह जाते है। फिर कुछ देर समय बिताने के बाद जीप पर बैठकर चले जाते है।

शाम में घाट पर नहाते हुए दिखे लोग

सोमवार की शाम में घाट पर लोग नहाते दिखे। वो भी लबालव पानी में।  शौक भी लोग कम नहीं पाले हुए है। कहावत सही है अगर बच्चा गलती करता है तो बड़े लोग समझाते है। लेकिन, जब बड़े लोग ही गलती करने लगे तो कौन समझायेगा। वहीं नजारा इस घाट पर देखने को मिली। घाट के किनारे बनाये गये बैठने का एक जगह है। लोग वहां अपने परिवार या दोस्त के साथ बैठते है। लेकिन, अभी के समय में वहां पानी इतना है कि लोग डूब जा सकेंगे। सोमवार को कुछ लोग ऐसे भी दिखे जो बैठने की जगह तक स्नान कर रहे है। ठीक उसी के नीचे सीढ़ी है। थोड़ी-सी गलती हो जाएं तो उसे डूबने में कोई समय नहीं लगेगा।