पटना

पटना: नन्हे-मुन्नों के लिए स्कूलों में शुरू हुई तैयारी


गाइडलाइन के तहत हो रही व्यवस्था, बच्चों को दिखेगा बदला माहौल

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई वाले तकरीबन एक लाख स्कूलों में कोविड-19 से बचाव को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत तैयारी शुरू हो गयी है। एक मार्च को बच्चों के आने के पहले तक स्कूलों को तैयारी पूरी करनी है।

1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई वाले तकरीबन एक लाख स्कूलों में करीब 72 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें 29 हजार स्कूलों में 1ली से 8वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। इन स्कूलों में 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई आठ फरवरी से चल रही है। बाकी 43 हजार स्कूल 1ली से 5वीं तक की पढ़ाई वाले हैं। 72 हजार स्कूलों में 1ली से 5वीं की बात करें, तो इन कक्षाओं में बच्चों की संख्या 1,06,19,670 है।

इससे इतर 1ली से 5वीं की पढ़ाई के लिए ऐसे प्रारंभिक विद्यालय भी हैं, जो सरकार द्वारा अनुदानित हैं। इनकी संख्या तकरीबन 108 है। इनमें अल्पसंख्यक प्रारंभिक विद्यालय भी शामिल हैं। इसके अलावा मदरसों एवं संस्कृत स्कूलों में भी 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई होती है। इसके साथ ही तकरीबन 10 हजार प्राइवेट स्कूल हैं, जो  आरटीई के तहत रजिस्टर्ड हैं।

गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों के साथ ही शिक्षक-कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य होगा। कक्षा में बच्चे छह फीट की दूरी पर बैठेंगे। शिक्षक-कर्मचारियों के लिए भी छह फीट की दूरी पर बैठना अनिवार्य होगा। अधिक नामांकन वाले स्कूल दो पाली में चलेंगे। हर पाली के लिए समय को परिस्थिति के अनुकूल कम करने की  छूट होगी। सरकारी स्कूलों के 1ली से 5वीं कक्षा के सभी बच्चों को दो-दो मास्क ‘जीविका’ के माध्यम से दिये जायेंगे। शिक्षक-कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्ण क्षमता के अनुरूप होगी।

सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई की सुविधा, डिजिटल थर्मामीटर, सेनेटाइजर, साबुन आदि की व्यवस्था विद्यालय शिक्षा समिति द्वारा की जायेगी। स्कूलों में आकस्मिक सुरक्षात्मक संबंधी तैयारी के लिए उत्तरदायी टीम का गठन होगा, जो विद्यालय के सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई, सामाजिक दूरी आदि के लिए उत्तरदायी होगा। इस टीम में विद्यार्थी, शिक्षक एवं विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य होंगे। स्टाफरूम, ऑफिस एवं विजीटर्स रूम में भी छह फीट की दूरी पर ही बैठना अनिवार्य होगा।

स्कूल के प्रवेश व निकास द्वार पर अलग-अलग कक्षा के लिए अलग-अलग समय तय होंगे। स्कूल के सभी गेट आगमन और प्रस्थान के समय पूरी तरह खुले रखे जायेंगे, ताकि एक जगह भीड़ जमा नहीं हो। अभिभावकों एवं बच्चों के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग होगा। स्कूल के बाहरी वर्ग कक्ष, बाहरी नोटिस बोर्ड, दीवार आदि पर सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाने, सेनेटाइजेशन, हाथ सफाई, यत्र-तत्र थूक फेंकने पर प्रतिबंध के संबंध में मुद्रित पोस्टर लगाये जायेंगे।

आगंतुक कक्ष, हाथ सफाई स्थल, पेयजल केंद्र व टॉयलेट के बाहर जमीन पर वृत्ताकार चिन्ह छह फीट के दूरी पर बनाये जायेंगे। वर्ग कक्ष का आकार छोटा होने पर कम्प्यूटर रूम, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला का उपयोग छह फीट की दूरी पर बैठने के लिए किये जायेंगे। स्कूल एसेम्बली कक्षा में ही अलग-अलग क्लास टीचर के दिशा-निर्देश में लगेगी। समारोह व त्योहार जैसे आयोजन नहीं होंगे। संभव हो, तो टीचर-पैरेंट्स मीटिंग वर्चुअल होगी। संभव होने पर नामांकन भी ऑनलाइन होंगे।

शिक्षक एवं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होगी। विद्यार्थियों के साथ उनके माता-पिता या अभिभावक से अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय यात्रा से संबंधित अद्यतन जानकारी ली जायेगी। स्कूल के अंदर बाहरी भेंडर द्वारा खाद्य सामग्री बेचने पर रोक होगी। बच्चों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा कि घर से ही पका-पकाया पौष्टिक खाना लायें।

स्कूलों की नियमित सफाई होगी, लेकिन उसमें बच्चे नहीं लगाये जायेंगे। छुये जाने वाले तल यानी दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क निरंतर सफाई के साथ सेनेटाइज किये जायेंगे। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बच्चे मास्क अदला-बदली न करें। और, भी कई मानक दिशा-निर्देश में तय किये गये हैं।