सरकार ने केस करने का दिया निर्देश
(निज प्रतिनिधि)
पटना। बिहार में कोरोना के कारण पंचायत चुनाव संकट में है। कोरोना से लड़ाई के बीच लगभग ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधियों का तनाव बढ़ा हुआ है। अगले महीने 15 जून को मुखिया और सरपंच का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। लेकिन उससे पहले पंचायत प्रतिनिधियों को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल चेक या ड्राफ्ट से लेनदेन करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की कुर्सी खतरे में है। ऐसा करने वाले प्रतिनिधि जेल भी जा सकते हैं। बिहार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने एक बड़ा आदेश जारी किया है।
मंत्री की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 1 अप्रैल 2021 के बाद चेक या ड्राफ्ट से लेनदेन करने वाले त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि नपेंगे। मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देश के मुताबिक कई बार पत्र भेजकर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को चेक या ड्राफ्ट से भुगतान ना कर पीआरएमएस से भुगतान करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी कई पंचायत प्रतिनिधि द्वारा नियमों की अनदेखी किए जाने की बात सामने में आई है।
पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि ऐसा करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की कुर्सी खतरे में है। 1 अप्रैल 2021 के बाद जो भी पंचायत प्रतिनिधि चेक या ड्राफ़्ट से भुगतान किए होंगे, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश पत्र जारी कर दिया गया है। ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों एक्शन लिया जायेगा और उनके ऊपर बड़ी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब हो कि बिहार में कोरोना से लड़ाई के बीच लगभग ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।