लॉकडाउन में गरीबों को भुखमरी से बचाने का सरकार का बड़ा कदम
पटना। कोरोना महामारी के चेन तोड़ने की मंशा से लगाए जाने वाले लॉकडाउन से लाखों लोगों की अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जा जाता है। रोजगार छीनने की वजह से लोगों के लिए दो जून की रोटी के लिए भी लाले पड़ जाते हैं। ऐसे में राजधानी में जिला प्रशासन ने सामुदायिक रसोई संचालन का फैसला लिया है।
इन सामुदायिक किचेन में लोगों के लिए न सिर्फ खाने-पीने की सुविधा होगी, बल्कि कुछ स्थानों पर लॉकडाउन के नियमावली का पालन करते हुए उनके लिए ठहराव की भी सुविधा दी जाएगी। इनमें मजदूर, यात्री, नि:शक्त लोग आदि को नि:शुल्क सुविधा मिलेगा। पटना में अभी तक 11 स्थानों के लिए सामुदायिक रसोई संचालन पर निर्णय लिया जा चुका है।
इनमें पटना उच्च विद्यालय गर्दनीबाग, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, इंटर मीलर स्कूल, बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय, गायघाट रैन बसेरा, मैकडॉवल गोलंबर, मलाही पकड़ी, निकट एसकेपुरी पार्क, कुनकुन सिंह लेन निकट साइंस कालेज, सगुना मोंड़ डीएवी और सैदपुर नहर को चिन्हित किया गया है। डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने निगम को आदेश दिया है कि इन सामुदायिक रसोई केंद्रों पर अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती करेंगे। साफ-सफाई के लिए कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक सामुदायिक किचेन स्थल पर 4-1 की संख्या में पुलिस बल और महिला बल की तैनाती होगी। स्वास्थ्य विभाग ग्लब्ज, सेनेटाइजर, मास्क के साथ इलाज के लिए स्वास्थ्य टीम की तैनाती करेगा। जलापूर्ति विभाग इन केंद्रों पर कम से कम एक-एक जलापूर्ति का टैंकर देगा।
नोडल पदाधिकारी आपूर्ति होने वाले खाद्य सामग्री का स्टॉक पंजी और आगंतुकों आदि की जानकारी रखेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी चिन्हित प्रत्येक स्कूलों पर एक-एक सहायक शिक्षक और लिपिक की तैनाती सुनिश्चित कराएंगे।