मेडिकल और इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की होगी स्थापना
(आज समाचार सेवा)
पटना। बिहार विधानमंडल में पेश आम बजट की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बजट संतुलित और सभी वर्गों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वर्ष २००५ से अब तक राज्य की अर्थव्यवस्था में विकास दर डबल डिजिट में रही है। यह बजट विकास को और गति देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष २०२१-२२ कुल बजट व्यय का आकार दो लाख १८ हजार ३०२.७० करोड़ है जिसमें राज्य के विकास मद में एक लाख ५१८.८६ करोड़ एवं स्थापना और प्रतिवद्ध व्यय मद में एक लाख १७ हजार ७८३ करोड़ है। इस बजट में शिक्षा विभाग के लिए ३८०३५.९३ करोड़ प्रस्तावित है। जिसमें राजस्व मद में ३६९७१.२९ करोड़ एवं पूंजीगत मद में १०६४.६४ करोड़ प्रस्तावित है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के बजट में ८ प्रतिशत अधिक वृद्धि प्रस्तावित है। स्वास्थ्य विभाग के लिए गत वर्ष की तुलना में २१ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि प्रस्तावित है। स्वास्थ्य प्रक्षेत्र हेतु १३२६४.८७ करोड़ प्रस्तावित है जिसमें राजस्व मद में १०८२७.१९ करोड़ तथा पूंजीगत मद में २४३७.६८ करोड़ प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सडक़ प्रक्षेत्र में व्यय किये जाते हैं। वित्तीय वर्ष २०२१.२२ में सडक़ प्रक्षेत्र में १५२२७.७४ करोड़ का खर्च अनुमानित है। जिसमें सडक़ों के रखरखाव एवं मरम्मत में २८५० करोड़, अनुमानित है। पिछले वर्ष की तुलना में वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में ९३ प्रतिशत से अधिक वृद्धि प्रस्तावित है। आलोच्य वित्तीय वर्ष में कुल ७८५० किलोमीटर ग्रामीण पथों एवं ७३१ उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कराने का लक्ष्य है। जिस पर कुल ४५१८ करोड़ का खर्च प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में कुल ८००० किलोमीटर ग्रामीण पथों की मरम्मति, उन्नयन किये जाने का लक्ष्य है। इस पर कुल २००० करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में एससी-एसटी कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण तथा इबीसी-ओबीसी कल्याण एवं समाज कल्याण से संबंधित विभागों पर १२२७४.४९ करोड़ रुपये व्यय किया जाना प्रस्तावित है। वर्ष २०२०-२१ की तुलना में २०२१-२२ में कल्याण प्रक्षेत्र के बजट में तीन प्रतिशत से अधिक की वृद्धि प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा प्रक्षेत्र में वर्ष २०२१-२२ में ८५०० करोड़ प्रस्तावित है। जिसमें राजस्व मद में ७०४७ करोड़ पूंजीगत मद में १५१३ करोड़ प्रस्तावित है। पिछले वर्ष की तुलना में ऊर्जा विभाग के बजट में ५३ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि प्रस्ताववित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट टू योजना के लिए ४६७१ करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत उच्चतर शिक्षा के लिए महिलाओं को प्रोत्साहन स्कीम हेतु ६०० करोड़, हर खेत तक सिंचाई का पानी के लिए ५५० करोड, पशु एवं मत्स्य संसाधन के लिए ५०० करोड़, एवं युवा शाक्ति बिहार प्रगति अंतर्गत विभिन्न स्कीमों के लिए ५५० करोड़, उद्यामिता विकास के स्कीम के लिए ४०० करोड़ और सभी गांव में सोलर लाइट के लिए १५० करोड़ का प्रावधान किया गया है। उपरोक्त कार्यक्रमों के अतिरिक्त सात निश्चय पार्ट वन की योजना के विभिन्न स्कीमों के रखरखाव एवं अनुरक्षण मद में तथा जल-जीवन-हरियाली मिशन स्कीम के लिए राशि का प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष में किया गया है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हम लोगों ने बजट में हर क्षेत्र का ख्याल रखा है। पिछली बार शुरू की गयी सात निश्चय की योजनाओं के अंतर्गत जो काम बचे रह गये जैसे कुछ जगहों पर सडक़ों एवं पक्की गली-नाली या हर घर नल का जल का काम पूर्ण नहीं हुआ है। उन सारे कार्यों को पूरा करने का भी बजट में उल्लेख किया गया है। हमलोगों की कोशिश होगी कि जितनी योजनाएं पहले से चल रही है उसे निरंतर आगे बढ़ाया जायेगा। जल-जीवन-हरियोजना के तहत जो काम चल रहे हैं उसे निरंतर आगे बढ़ाया जायेगा।
आत्म निर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट टू की परिकल्पना की गयी है उसे कैबिनेट ने पास किया है। विभिन्न विभागों ने इसके लिए जरूरी योजनाएं बनायी है। इस के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। नये वित्तीय वर्ष में सारा काम शुरू हो जायेगा। कृषी, सडक़, स्वास्थ्य, शिक्षा पर और ज्यादा खर्च किया जायेगा। सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में इस प्रकार के लोगों को रोजगार के लिए प्रेरित करेंगे। २० लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिले, इसके लिए हमलोग काम करेंगे। राज्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बनाने की सारी तैयारी चल रही है। खेल के लिए राजगीर में खेल विश्वविद्यालय बनाया जायेगा।