पटना (आससे)। बेऊर जेल के उपाधीक्षक संजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। जेल में मोबाइल बरामद होने और वीडियो वायरल होने के मामले में जांच के बाद उन पर कार्रवाई की गई है। 3 मार्च को जब डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में टीम छापेमारी करने बेऊर जेल पहुंची थी तो इन्होंने आधे घंटे देर से कारा का गेट खोला था, जिससे छापेमारी की खबर जेल के अंदर पहुंच गई।
डीएम द्वारा इस मामले में उपाधीक्षक की मिलीभगत की आशंका जताई गई थी। इस मामले में डीएम द्वारा उपाधीक्षक संजय कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया था। उनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण की समीक्षा सदर एसडीओ ने की, जिसमें उन्होंने उपाधीक्षक के जवाब को स्वीकार योग्य नहीं पाया।
वहीं 1 मार्च को वीडियो वायरल होने की घटना की जांच में बंदियों द्वारा जेल में स्मार्टफोन रखने और इसका इस्तेमाल करने की पुष्टि हुई है। 3 मार्च को बेऊर जेल में छापेमारी के दौरान दो मोबाइल मिले थे। वहीं 7 मार्च को जेल आईजी की मौजूदगी में हुई तलाशी में एक मोबाइल बरामद हुआ था।
कारा प्रशासन का मानना है की जेल के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी होने के नाते उपाधीक्षक संजय कुमार ने अपने दायित्वों का निर्वाहन सही से नहीं किया और इसमें पूरी तरह विफल रहे। इन्हीं आरोपों के मद्देनजर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इससे संबंधित आदेश हाजी कारा एवं सुधार सेवाएं मिथिलेश मिश्रा द्वारा जारी कर दी गई है।
इससे पहले नवादा जेल के उपाधीक्षक को भी निलंबित किया गया था। 3 मार्च की तलाशी के दौरान नवादा जेल में सबसे अधिक 9 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बेऊर के अलावा अन्य जेल के भी कुछ अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है।