सामग्री मद में 1900 करोड़ जारी
(आज समाचार सेवा)
पटना। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के द्वितीय लहर के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार प्रदान करने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाये रखने हेतु ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजनाओं में प्रयुक्त सामग्री एवं प्रशासनिक मद में 1 हजार 900 करोड़ यानी 19 अरब रूपये विमुक्त किए गए हैं जिससे सामग्री मद के लंबित राशि का भुगतान किया जाये।
मंत्री श्री कुमार ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 20 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरूद्ध अब तक 4 करोड़ 21 लाख से अधिक मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। अभी लगभग 4 लाख 48 हजार मनरेगा योजनाओं में काम चल रहा है जिसमें प्रतिदिन लगभग साढ़े नौ लाख से 10 लाख मजदूर काम कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक 1 लाख 296 नये जॉब कार्ड खोले जा चुके हैं जिससे 1 लाख 47 हजार 493 मजदूरों को जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि मनरेगा योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक परिवार के व्यस्क लोगों को सालभर में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है, इसके साथ ही टिकाऊ स्वरूप की परिसंपतियों के सृजन, उन्नत जल सुरक्षा, मृदा संरक्षण, सूखा रोधन और बाढ़ नियंत्रण, वृक्षारोपण आदि की योजनाएं संचालित की जाती है जिसमें विभिन्न सामग्री प्रयुक्त होती है। मनरेगा योजनाओं में मजदूरी: सामग्री का अनुपात 60: 40 निर्धारित है।
समीक्षा के क्रम में ऐसा पाया गया है कि कुछ प्रखंडों में एवं जिला स्तर पर कुछ जिलों में यह अनुपात बरकरार न रखकर सामग्री मद में 40 प्रतिशत से अधिक राशि व्यय किया गया है, उन जिलों के जिला पदाधिकारियों को टीम बनाकर जाँच कराकर प्रतिवेदन विभाग के भेजने हेतु निदेशित किया गया है।
प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जिम्मेवार कर्मियों/पदाधिकारियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी। साथ ही 40: से अधिक व्यय करने वाले प्रखंडों में सामग्री मद की राशि के भुगतान पर तत्काल रोक लगायी गयी है। ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि मनरेगा योजनाओं में तेजी से काम कराने हेतु सभी जिलों को निदेशित किया गया है एवं मनरेगा योजनाओं में किसी भी मद में राशि की कमी नहीं होने दी जाये।