आपको बता दें कि अवैध बालू खनन में लगी बड़ी-बड़ी नावों पर मजदूरों के रहने-खाने का भी इंतजाम रहता है। मजदूर नावों पर गैस चूल्हा इस्तेमाल कर खाना बनाते और खाते हैं। शनिवार को ऐसी ही एक नाव पर खाना बनाने के क्रम में आग लग गई। इसके बाद सिलेंडर फट गया। इस हादसे में नाव पर मौजूद मजदूर जिंदा जल गए। नाव पर जले शवों की बहुत ही भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। अब तक चार मृतकों की पहचान का दावा किया जा रहा है। इनमें से तीन स्थानीय हैं, जबकि एक झारखंड का रहने वाला है।
नाव पर खाना बनाने के दौरान हुआ हादसा
घटना के बाद नदी के घाट पर अफरा तफरी मच गई। अवैध बालू खनन में लगी दूसरी नावों पर सवार मजदूर भी सहम गए। सूचना पर पहुंची मनेर पुलिस शव को बरामद करने के लिए जुटी रही। घटना की जानकारी मिलते ही गांव और आसपास के लोगों की भीड़ काफी संख्या में जुटी रही। वही ग्रामीणों की मानें तो नाव पर खाना बनाने के दौरान रसोई सिलेंडर में अचानक आग लग गई। इसके बाद देखते ही देखते सिलेंडर विस्फोट कर गया। इस विस्फोट में पांच लोगों की मरने की सूचना है। वहीं अब तक मनेर पुलिस का कहना है कि शव बरामद होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने लोगों की मौत हुई है।
अवैध बालू खनन का चलता है खुला खेल
अवैध बालू खनन में लगे मजदूर अक्सर अपनी जान गंवाते रहते हैं। कभी नाव टकराने के बाद तो कभी डूबकर। बालू के धंधेबाज कई बार इसकी खबर तक प्रशासन को लगने नहीं देते। दबंग धंधेबाज मजदूरों के स्वजनों को कुछ रुपए ले-देकर मामला रफा-दफा कर देते हैं। यह हादसा जहां हुआ, वहां से थोड़ी ही दूरी पर गंगा और सोन नदियों का मिलन होता है।
मरने वालों में एक झारखंड का रहने वाला
मृतकों की पहचान रंजन पासवान (32) पिता श्रीराम पासवान, दशरथ पासवान (32) पिता स्वर्गीय प्रभु पासवान, ओमप्रकाश राय (34) पिता रविन्द्र राय सभी हल्दी छपरा मनेर एवं कन्हाई बिंद (40) साहेबगंज शोभनपुर, झारखंड के रूप में हुई है।