पटना

पटना: विश्वविद्यालयों के अतिथि शिक्षकों का पैसा बढ़ा


नियुक्ति वाली कमेटी में भी हुआ बदलाव

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों के अतिथि शिक्षकों का पैसा बढ़ गया है। अतिथि शिक्षकों को मानदेय के रूप में अब अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे। इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने वाली कमेटी में भी बदलाव किया गया है।

इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग ने संकल्प के रूप में मंगलवार को जारी किया है। इस पर कैबिनेट की मुहर पहले ही लग चुकी है। आदेश सरकार के उप सचिव अरशद फिरोज के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। जारी होने के साथ ही यह आदेश प्रभावी हो गया है।

आपको बता दूं कि राज्य में 13 पारम्परिक विश्वविद्यालय स्थापित हैं। इन परम्परागत विश्वविद्यालयों एवं उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में सम्प्रति सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए 20 अगस्त, 2014 को राज्य सरकार द्वारा सेवा शर्त जारी की गयी थी।

इस बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए उन्हें प्रति व्याख्यान एक हजार पांच सौ रुपये एवं प्रति माह अधिकतम पचास हजार रुपये निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हेतु चयन समिति की संरचना में भी संशोधन किया गया है। इस बाबत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 28 जनवरी, 2019 को ही पत्र जारी किया गया था।

इसके मद्देनजर अब अतिथि शिक्षकों को प्रति व्याख्यान एक हजार पांच सौ रुपये एवं प्रति माह अधिकतम पचास हजार रुपये का मानदेय अनुमान्य होगा। अतिथि शिक्षकों के चयन के लिए विश्वविद्यालयों में कमेटी होगी। कमेटी के अध्यक्ष कुलपति होंगे। इसके साथ ही कुलपति द्वारा नामित एक संबंधित विषय के एक विषय विशेषज्ञ, संबंधित संकाय के संकायाध्यक्ष (जहां लागू हो), संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष तथा अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग/ महिला/ दिव्यांग श्रेणी के एक शिक्षाविद कमेटी के सदस्य होंगे।

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति 11 माह के लिए की जा सकेगी एवं पुन: उनके कार्य निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर अगले 11 माह के लिए चयन कमेटी द्वारा सेवा नवीकृत की जा सकेगी। यह संशोधन संकल्प निर्गत होने की तिथि से प्रभावी हुआ है। विश्वविद्यालयों में वर्तमान में तकरीबन एक हजार छह सौ अतिथि शिक्षक मानदेय पर पढ़ा रहे हैं।