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- स्पीकर ने चेताया, नियम के विरुद्घ काम किये तो बाहर कर देंगे
- पक्ष-विपक्ष तैयार हो तो करायेंगे स्पेशल डिबेट
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(आज समाचार सेवा)
पटना। बुधवार को शराब के अवैध कारोबार के विरोध में विधानसभा के बाहर और सदन में विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामे का असर यह हुआ कि विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा एवं संसदीय कार्य मंत्री एवं पूर्व विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की अपील विपक्ष के शोर में दब कर रह गयी। लगभग एक घंटे तक संपूर्ण विपक्ष बेल में आकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया।
सुखद बात यह रही कि पक्ष व विपक्ष ने शराबबंदी का पूर्ण समर्थन किया, परंतु अवैध कारोबार में लिप्त अधिकारियों व राजनेताओं की संलिप्तता को स्वर तल्ख रहे। हालांकि स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अगर सदन नेता और नेता प्रतिपक्ष तैयार हो तो हम शराबबंदी पर विशेष चर्चा कराने को तैयार हैं।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही माले विधायक दल के नेता महबूब आलम एवं सत्यदेव राम ने खगडिय़ा में स्कूल की चहारदिवारी गिरने से छह लोगो की मौत एवं उसके आश्रितों को ५० लाख का मुआबजा देने को लेकर उनके द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर विशेष चर्चा कराने की मांग की। स्पीकर ने इस मसले को उचित समय पर उठाने को कहा।
इसी बीच राजद के ललित कुमार यादव, भाई वीरेंद्र, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता समेत अन्य नेताओं ने एक निजी चैनल द्वारा कॉकटेल कार्यक्रम में शराब के अवैध कारोबार का खुलासा किये जाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगने लगे। स्पीकर ने इसकी अनसुनी करने पर संपूर्ण विपक्ष अपने सीट पर खड़े होकर हंगामा करने लगे। बाद में वे बेल में आकर नारेबाजी करने लगे। अपील की अनसुनी होते देख विधानसभाध्यक्ष ने सभी दलीय नेताओं से अपने विचारों को रखने को कहा।
राजद के ललित यादव ने कहा कि शराबबंदी का माखैल उड़ाया जा रहा है। मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। अख्तरुल इमान ने कहा कि शराबबंदी ठीक है, परंतु अधिकारियों की संलिप्तता के कारण अवैध करोबार चल रहा है। सीपीआइ के रामरतन सिंह का कहना था कि शराब की विक्री धड़ल्ले से हो रही है। इसकी गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। शराबबंदी ठीक है, परंतु अधिकारी लूट रहे हैं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। राजनीतिज्ञ भी बगैर पीये नहीं सोते। गरीब गुरबे बर्बाद हो रहे हैं।
स्पीकर के कहने पर संसदीय कार्य मंत्री एवं पूर्व विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए सदस्यों ने भावना व्यक्त की है। हम उनकी भावना का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि शराब के अवैध कारोबार करने वालों की गिरफ्तारी हरियाणा और झारखंड से गिरफ्तार कर लाया गया है। ये सारे अरबपति हैं, कहां कोई भेदभाव किया गया है। सदन की सहमति से शराबबंदी कानून का लागू किया गया है, हम इसके कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
अजित शर्मा का कहना था कि अपराध कमा है। शराब बाहर से कैसे आ रहा है। अधिकारी क्या करते हैं। इसी क्रम में माले के महबूब आलम बेल में आकर नारेबाजी करने लगे। पीछे से संपूर्ण विपक्ष बेल में आकर हंगामा करने लगे। कई सदस्य रिपोर्टर टेबल को पटकने की कोशिश की, इस पर स्पीकर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नियम विरुद्ध कार्य करेंगे तो सदन से बाहर कर देंगे।
बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ। हंगामे के बीच स्पीकर ने तारांकित प्रश्न का जवाब कराना शुरू किया, परंतु सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही प्रश्न पूछा। अंत में हंगामा नहीं थमते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।