(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से शनिवार को टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने बिहार लोक सेवा आयोग से परीक्षा लेकर प्रधान शिक्षक की नियमित नियुक्ति करने के सरकार के निर्णय के लिए धन्यवाद देने के साथ ही प्रधान शिक्षकों के प्रोन्नति के प्रावधानों के संदर्भ में अपनी आपत्ति भी दर्ज की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह एवं प्रदेश महासचिव आलोक रंजन ने बताया कि आठ वर्ष के अनुभव के शर्त के कारण बेसिक ग्रेड के सभी टीईटी शिक्षक इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पायेंगे। इसलिए अनुभव के शर्तों को शिथिल किया जाय, ताकि टीईटी शिक्षकों के बड़े समूह को परीक्षा में शामिल होने का मौका मिले। प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा है कि कर्मियों को प्रोन्नति देने का एक उद्देश्य उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से प्रोत्साहित करना भी होता है परंतु इस तरह से प्रतिस्पर्धा के अवसरों को प्रतिबंधित कर देना बड़ी संख्या में योग्य शिक्षकों को हतोत्साहित करने वाला कदम होगा।
शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति एवं प्रोन्नति के लिए देश भर में टीईटी की परीक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है। इस संदर्भ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायादेश की चर्चा भी ज्ञापन में की गयी है। गत अप्रैल से 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि, बेबपोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने में आ रही तकनीकी समस्या, स्थानांतरण आदि लंबित मुद्दों की भी प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में समस्तीपुर जिलाध्यक्ष गणेश कुमार, समस्तीपुर जिला महासचिव संजीत भारती, रवि रौशन कुमार और कुमार राहुल भी शामिल थे।