बिना परीक्षा पास हुए अगली कक्षा में जाने को 5वीं व 8वीं के बच्चों के लिए शर्त शिथिल
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के 72 हजार सरकारी प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा के करोड़ों बच्चे बिना वार्षिक परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिये गये हैं। बिना प्रोन्नति के 5वीं कक्षा के बच्चों के 6ठी कक्षा में जाने एवं 8वीं कक्षा के बच्चों के 9वीं कक्षा में जाने के लिए वार्षिक परीक्षा पास करने की अनिवार्यता को शिथिल कर दिया गया है।
इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग द्वारा मंगलवार को जारी किये गये हैं। इससे अब प्राइमरी स्कूलों के 5वीं कक्षा के बच्चे मिडिल स्कूलों में 6ठी कक्षा में जाने के लिए एवं मिडिल स्कूलों के 8वीं कक्षा के बच्चे 9वीं कक्षा में हाई स्कूलों में दाखिले के लिए अपने स्कूलों से एसएलसी (विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र) ले सकेंगे।
दरअसल, ‘बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली, 2019’ के नियम-10 (क) के प्रावधान के मुताबिक कक्षा 5 एवं 8 के लिए वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण होना जरूरी है। उक्त परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को 5वीं कक्षा अथवा 8वीं कक्षा (जैसा कि मामला हो) में रोका जा सकता है। लेकिन, कोविड-19 के संक्रमण के मद्देनजर राज्य के सभी स्कूल 13 मार्च, 2020 से बंद कर दिये गये। कोविड-19 के संक्रमण के प्रभाव में कमी को देखते हुए गत 8 फरवरी से कक्षा 6ठी से 8वीं तक के स्कूल एवं 1 मार्च, 2021 से कक्षा 1ली से 5वीं तक के स्कूलों का संचालन निर्धारित शर्तों के अधीन प्रारंभ किया गया।
परिणामस्वरूप शैक्षणिक सत्र 2020-2021 में उक्त कक्षाओं का संचालन प्राय: नहीं हो सका है। इसके कारण छात्र-छात्राओं को कक्षा 5 एवं 8 के लिए वार्षिक परीक्षा के आयोजन करने में कठिनाई थी। इस स्थिति में शैक्षणिक सत्र 2020-2021 में ‘बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली, 2019’ के नियम-10 (क) को शिथिल किया गया है, ताकि कक्षा 5 एवं 8 के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के अगले वर्ष में प्रोन्नत किया जा सके।
साथ ही संबंधित छात्र-छात्राओं के लिए माह अप्रैल से जून, 2021 तक वर्तमान कक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम को पूर्ण करने की ध्येय से कैचअप कोर्स का संचालन करते हुए अगले वर्ष के संचालन की कार्ययोजना है। आपको बता दूं कि कक्षा 1 से 4 तक एवं 6 से 7 तक में सत्र के अंत में मूल्यांकन किया जाता है और प्रोन्नति हेतु वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्णता की अनिवार्यता नहीं है।
इसके मद्देनजर ही समीक्षोपरांत शैक्षणिक सत्र 2020-2021 के लिए बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली, 2019 का नियम-10 (क) को शिथिल की स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। यह आदेश कैबिनेट की स्वीकृति की प्रत्याशा में निर्गत किया हुआ है।