गाजीपुर। अपर सत्र न्यायाधीश/एमपी-एमएलए शक्ति सिंह की अदालत ने मंगलवार को बिहार पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव समेत 11 लोगों के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी करते हुए चार नवंबर की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पूर्व में सभी को 31 जुलाई 2023 को दोषमुक्त कर दिया था। अभियोजन ने उक्त आदेश के विरुद्ध जिला जज के न्यायालय में छह सितंबर 2023 को जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर राय ने अपील दाखिल किया। जिला जज ने मामले को सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट में भेज दिया। जहां पर पत्रवाली अपील बहस के लिए चल रही थी।
बिहार के पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गाजीपुर की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट 1993 के एक मामले में जारी किया गया है। जिसमें पप्पू यादव पर चुनाव प्रचार के दौरान गड़बड़ी करने का आरोप है। अदालत ने इस मामले में चार नवंबर की तारीख तय की है।
चार नवंबर नियत की गई तिथि
मंगलवार को बार-बार पुकारने पर आरोपितों की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ। न्यायालय सख्त रुख अख्तियार करते हुए सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव समेत 11 लोगों के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी करते हुए चार नवम्बर की तिथि नियत की।
मालूम हो कि आठ नवंबर 1993 को तत्कालीन मुहम्मदाबाद थानाध्यक्ष वीएन सिंह ने इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि उस दिन 10.30 बजे सूचना मिली कि बिहार प्रांत से दो विधायक पप्पू यादव, उमेश पासवान अपने साथ काफी संख्या में अवांछनीय तत्वों लेकर प्रदेश में अपने विरोधी राजनीतिक दलों के चुनाव सभाओं में गड़बड़ी करने के उद्देश्य से उजियार घाट की ओर से जनपद में प्रवेश करने वाले हैं।
चुनाव व शांति व्यवस्था अवगत करने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने आरोप पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण के बाद मजिस्ट्रेट न्यायालय ने सभी को दोषमुक्त कर दिया था। उसी के विरुद्ध अपील चल रही हैं।
यातायात निरीक्षक को अदालत ने किया तलब
वकील की बाइक का चालान करने वाले पुलिसकर्मी का नाम स्पष्ट नहीं होने पर विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार की अदालत ने यातायात निरीक्षक को तलब किया है। अदालत ने स्पष्टीकरण के साथ 21 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का यातायात निरीक्षक को आदेश दिया है।
रामनगर थाना क्षेत्र के रत्तापुर मोहल्ला निवासी वकील विजय कुमार सिंह की बाइक का दस दिसंबर 2017 को चौकाघाट क्षेत्र में चालान किया गया था। चालान का नोटिस मिलने पर विजय कुमार सिंह ने अदालत में चुनौती दी।
अदालत ने जब इसे संज्ञान लिया तब चालान करने वाले पुलिसकर्मी का नाम ही स्पष्ट नहीं हो सका। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए यातायात निरीक्षक को व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया।