जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश में परिसीमन की रिपोर्ट के बीच रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके लिए जिस तरह की जल्दबाजी की जा रही है, उससे सरकार की मंशा पर गंभीर संदेह उत्पन्न हुआ है। मुफ्ती ने आरोप लगाया कि इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोगों को क्षेत्र, धर्म तथा समुदाय के आधार पर विभाजित करने की बड़ी योजना है।
वह परिसीमन आयोग की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई के जल्द ही प्रदेश के दौरे पर आने की खबरों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। केंद्रीय कानून एवं विधि मंत्रालय देसाई का कार्यकाल पांच मार्च से आगे बढ़ाने पर सहमति दे दी है। बताया जा रहा है आयोग प्रदेश के राजनीतिक दलों से परिसीमन तथा विधानसभा सीटों को आरक्षित करने के मुद्दे पर लिखित राय मांग सकता है।
उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, “केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के लिए जितनी जल्दबाजी कर रही है, उससे सरकार की मंशा पर गंभीर संदेह उत्पन्न हो गया है। भाजपा ने क्षेत्रों, धर्मों और समुदायों के आधार पर लोगों को बांटने की एक बड़ी योजना बनाई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के सांसद डॉ. फारुक अब्दुल्ला, मुहम्मद अकबर लोन तथा हसनैन मसूदी ने बुधवार को परिसीमन आयोग के साथ सहयोग करने पर असहमति जतायी थी और केंद्र सरकार से इस प्रक्रिया को शुरू नहीं करने की अपील की थी। इन लोगों ने परिसीमन आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) देसाई को पत्र लिख कर कहा था कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।