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पश्चिम बंगाल: पांचवे चरण का चुनाव खत्म, कोरोना के खतरे के बावजूद 78.36 प्रतिशत रहा मतदान


कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शनिवार को पांचवे चरण का मतदान खत्म हो चुका है। कोरोना महामारी के खतरों के बावजूद लोगों में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। नतीजतन, वोटिंग प्रक्रिया खत्म होने तक करीब 78.36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

शनिवार को पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण के तहत छह जिलों- दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, उत्तर24 परगना, पूर्वी बर्दवान और नदिया जिले की 45 सीटों के लिए वोटिंग हुई। मतदान शाम 6 बजे तक चला। चौथे चरण में हुई हिंसा के मद्देनजर इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान संपूर्ण करवाया गया।

जानकारी के मुताबिक शाम 05:19 बजे तक पश्चिम बंगाल में 74.90 प्रतिशत मतदान हो चुका था, जबकि शाम 4:13 बजे ये आंकड़ा 69.40% मतदान था।

वोटिंग के दौरान की कुछ अहम घटनाएं

– बिधाननगर से TMC प्रत्याशी और पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री सुजीत बोस ने बूथ संख्या 265 और 272 पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से हिंसा और पत्थरबाजी का आरोप लगाया।

– टीएमसी ने मिनाखान के बूथ संख्या 114 पर बम से हमले का आरोप लगाया। टीएमसी ने तस्वीर जारी करते हुए आईएसएफ कैडर पर बमबाजी करने का आरोप लगाया। इसमें टीएमसी के दो कार्यकर्ता घायल बताए जा रहे हैं।

– पश्चिम बंगाल में जारी पांचवें चरण के वोटिंग के बीच बीजेपी के नेता आज 10.30 बजे कोलकाता में चुनाव आयोग से मिले। बीजेपी नेता सीएम ममता बनर्जी के कूचबिहार टेप की शिकायत की।

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से भारी संख्या में मतदान करने की अपील की। पीएम मोदी ने बांग्ला और अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘पश्चिम बंगाल चुनाव के पांचवें चरण में आज जो मतदान करने वालें हैं, उनसे अपील है कि भारी संख्या में वोट डालें। फर्स्ट टाइम वोटर्स को खासकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।’

– गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल के मतदाताओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें

– – बंगाल विधानसभा चुनाव के 5वें चरण का मतदान जारी है। इसे लेकर लोगों में भारी उत्साह नजर आया। पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थीं।

गौरतलब है कि इस चरण में उत्तरी बंगाल की 13 सीटें हैं जो बीजेपी के गढ़ के रूप में देखी जा रही हैं। वहीं दक्षिणी बंगाल की सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव मजबूत है। राज्य में अपने क्षीण पर चुके वर्चस्व के बावजूद दक्षिणी बंगाल की कुछ सीटों पर सीपीएम भी ताकत दिखा सकती है।