- केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कोच्चि में निर्माणाधीन पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आइएसी) का निरीक्षण किया। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) को अगले साल नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। स्वदेशी विमान वाहक (IAC) पर किए गए काम का प्रत्यक्ष रूप से जायज़ा लेना खुशी की बात है, ये भारत का गर्व और आत्मनिर्भर भारत का एक चमकता हुआ उदाहरण है। इस प्रोजेक्ट को NDA सरकार ने अनुमति दी थी और हाल में कोरोना के बावजूद इसमें काफी प्रगति हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि अगले साल स्वदेशी विमान वाहक (IAC) की कमीशनिंग भारत की आज़ादी के 75 साल के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी। IAC में डिजाइन से लेकर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील से लेकर प्रमुख हथियारों और सेंसर तक लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है। जानकारी के अनुसार, आइएसी को आइएनएस विक्रांत का नाम दिया जाएगा। इस साल इसका समुद्री परीक्षण पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल इसका जलावतरण किए जाने की संभावना है।
इसके अलावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ गलवान घाटी में चल रहे गतिरोध पर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की सक्रिय अग्रिम तैनाती ने हमारे इरादे का संकेत दिया कि हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी घटना के लिए तैयार हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना को करीब 50 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। चीन के बढ़ते नौसैनिक ताकत के देखते हुए पनडुब्बियों को मजबूत करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।