नई दिल्ली, । पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे बहुत अधिक चौकाने वाले नहीं रहे। चुनाव विश्लेषकों ने रिजल्ट को लेकर जो कयास लगाए थे रिजल्ट लगभग उसी के ईर्द-गिर्द रहा। पंजाब में आम आदमी पार्टी भारी बहुमत के साथ चुनाव में विजयी हुई तो यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भाजपा ने जीत हासिल की। हालांकि इस चुनाव में कुछ बड़े नेताओं का हराना चौकाने वाला भी रहा मगर उन्होंने भी जनता के समर्थन को सर्वोपरि माना। चाहे वो नवजोत सिंह सिद्दू हो या यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य।
वैसे किसान आंदोलन के दौरान ये कहा जा रहा था कि इस बार प्रदेश की जनता बीजेपी को अच्छे से सबक सिखाएगी मगर अब रिजल्ट आने के बाद ये सब बातें ही रह गई। जिस लखीमपुर खीरी की घटना को इतने बड़े पैमाने पर फैलाया गया, गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को हटाने की मांग की जाती रही, आंदोलन किए गए, ये भी कहा गया कि टेनी बीजेपी को ले डूबेंगे वहां भी इस आंक्रोश का बहुत बड़ा असर नहीं दिखा बल्कि बीजेपी वहां भी सारी सीटें जीत गई।
चुनाव का रिजल्ट आने तक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शांत थे। रिजल्ट के अगले दिन उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर से एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि लोकतंत्र के महापर्व में जनता का फैसला सर्वोपरि होता हैं। किसान आंदोलन ने अपना असर दिखा दिया। हम आशा करते हैं कि जो भी सरकारें बनी हैं, वे सभी अपने-अपने राज्यों में किसानों-मजदूरों के उत्थान के लिए कार्य करेंगी। सभी को जीत की बधाई।
वैसे ये उम्मीद की जा रही थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भाजपा से नाराज होंगे वो इस बार के चुनाव में भाजपा को वोट नहीं करेंगे मगर जिस हिसाब से पार्टी को सीटें मिली उसको देखकर तो यही कहा जा सकता है कि जो किसान पार्टी से नाराज थे उन्होंने देश के विकास को प्राथमिकता दी और भाजपा का साथ दिया। इसी वजह से प्रदेश में भाजपा एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।