संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सत्र के 48वें सत्र में ऐनी हेकेंडार्फ ने कहा, ‘यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद का खतरा काफी हद तक धार्मिक स्कूलों और तथाकथित मदरास से बाहर आ रहा है। ये स्कूल अक्सर एक विकृत और इस्लाम की रूढ़िवादी व्याख्या को बढ़ावा देते हैं और अभी भी यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में निर्जनता से बढ़ रहे हैं। हेकेंडार्फ ने यूएनएचआरसी से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान के शिक्षा के झूठे वादों पर खुश नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान में ऐसे मदरास से ही पैदा हुए थे।लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठन देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी की सुरक्षा के तहत पाकिस्तान में ऐसे आतंकवादी कारखानों का संचालन कर रहे हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कई अवैध मदरसा या धार्मिक स्कूल हैं जो युवाओं को जिहाद या युद्ध की ओर मजबूर करते हैं। वे उन्हें अन्य धर्मों के खिलाफ करते हैं और उन्हें बंदूक संस्कृति की ओर प्रेरित करते हैं।