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पाकिस्‍तान की बाढ़ में 1.6 करोड़ बच्‍चे हुए प्रभावित, डेंगू समेत कई दूसरी बीमारियों के फैलने की आशंका- यूनिसेफ


इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान में आई बाढ़ को सुपरफ्लड का नाम दिया जा रहा है। इस सुपरफ्लट से अब तक 1.6 करोड़ बच्‍चे प्रभावित हुए हैं। यूनिसेफ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि करीब 35 बच्‍चों को तुरंत मदद की दरकार है। यूनिसेफ UNICEF(UN International Childrens Emergency Fund) के अब्‍दुल्‍ला फालिद ने पाकिस्‍तान के कई प्रभावित इलाकों का विशेषकर सिंध का दौरा करने के बाद ये बयान दिया है। फालिद दो दिन के दौरे पर पाकिस्‍तान में थे। उन्‍होंने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि हालात काफी खराब हैं। बाढ़ की वजह से न सिर्फ डायरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है बल्कि डेंगू समेत दूसरी त्‍वचा संबंधित बीमारियों का भी खतरा मंडरा रहा है। बच्‍चों को पोषक खाने की कमी से भी हालात काफी खराब हो रहे हैं।

पाकिस्‍तान में आई बाढ़ से अब तक 1300 से अधिक लोगों की मौत हुई है। हर रोज ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। मरने वालों में 528 बच्‍चे भी शामिल हैं। इस बाढ़ को देखते हुए पाकिस्‍तान समेत संयुक्‍त राष्‍ट्र की तरफ से भी विश्‍व से मदद करने की अपील की गई है। कई देश पाकिस्‍तान की मदद को आगे भी आए हैं। नेपाल और चीन की तरफ से भी फौरी राहत भिजवाई गई है। जापान ने भी पाकिस्‍तान को 70 लाख डालर की मदद करने का ऐलान किया है। इसके अलावा कनाडा ने 30 लाख डालर की मदद पाकिस्‍तान को देने की बात कही है।

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यूनिसेफ के प्रतिनिधी फादिल ने कहा है कि पाकिस्‍तान के हालात बाढ़ से इस कदर खराब हैं कि वो बिना बाहरी मदद के इससे नहीं निपट सकेगा। यदि मदद जल्‍द नहीं पहुंची तो कई और जानें भी जा सकती हैं। उनके मुताबिक देश में बाढ़ की वजह से कई मां ऐनेमिक हैं। खाने-पीने की कमी का असर उनके बच्‍चों पर भी पड़ रहा है। हालात इस कदर खराब है कि मां अपने नवजात बच्‍चे को स्‍तनपान तक नहीं करा पा रही है।

देश में बाढ़ की वजह से 60 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। देश में कई जगहों पर पड़ रही भीषण गर्मी से भी हालात खराब हो रहे हैं। हालांकि सिंध में जलमग्‍न हुए इलाकों में पानी कुछ नीचे आया हे। हजारों किमी की सड़के और कृषि योग्‍य लाखों हेक्‍टेयर भूमि के जलमग्‍न होने से फसलें बर्बाद हो गई है। इस वजह से देश में खाद्यान्‍न की कमी भीआड़े आ रही है। वहीं दूसरी तरफ मंहगाई की मार से आम आदमी बुरी तरह से परेशान है।