जम्मू, । भारत के दबाव में विश्वभर में अलग-थलग पड़ते जा रहे पाकिस्तान ने भी अब हुर्रियत नेताओं को टेढ़ी आंख दिखाना शुरु कर दिया है। कश्मीर से भागकर पाकिस्तान में शरण लेने वाले पूर्व हिज्ब कमांडर और हुर्रियत नेता अल्ताफ बट व उनके 17 अन्य साथियों के खिलाफ 100 करोड़ रूपये के घोटाले के सिलसिले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए अल्ताफ बट भूमिगत हो गए हैं। अल्ताफ बट ने सीबीआर इंप्लायज कापोरेटिव हाऊसिंग सोसाईटी बना रखी है। पाकिस्तान के सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देश पर सोसाईटी में हुए घोटाले की जांच का जिम्मा फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंपा था।
बीते 30 साल में यह पहला मौका है जब पाकिस्तान में शरण लेने वाले किसी हुर्रियत नेता या कश्मीरी आतंकी कमांडर के खिलाफ पाकिस्तान सरकार ने अपने स्तर पर कोई कार्रवाई की हो। पाकिस्तान को हमेशा ही कश्मीरी अलगाववादियों और अातंकी कमांडरों के लिए एक सुरक्षित सेंचुरी माना जाता है। कोई भी अलगाववादी या आतंकी कमांडर जब भारतीय कानून के शिकंजे से बचने के लिए पाकिस्तान पहुंचता है तो पाकिस्तान की सरकार और खुफिया एजेंसी उसे हर संभव मदद देकर उसे बिजनेस, एनजीओ या किसी अन्य क्षेत्र में आगे बढ़ाती है। इसके साथ ही वह उसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ करती है और कश्मीर में उसके नेटवर्क के जरिए अलगाववादी-आतंकी गतिविधियों को चलाती है। ऐसे लोगों का इस्तेमाल वह हवाला में भी करती है।