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पाकिस्तान सेना ने टीएलपी से किया समझौता,


नई दिल्ली, । पाकिस्तानी सेना ने प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की निर्वाचित सरकार को किनारे लगाने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से समझौता कर लिया है।

अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद पाकिस्तानी सेना ने फिर से छद्म युद्ध के लिए अपने मददगारों को सेट कर दिया है। इन धार्मिक संगठनों का घरेलू राजनीति में दखल बढ़ने से पाकिस्तानी सेना की अपनी मनमानी करने की मंशा पूरी हो जाएगी। इन कट्टरपंथी संगठनों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा बढ़ने से पाकिस्तान में सैन्य शासन का बहाना मिल जाएगा।

इमरान खान और कमर जावेद बाजवा के बीच की दरार हुई जगजाहिर

इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज प्रोग्राम ‘गेटअवे हाउस’ में समीर पाटिल के एक लेख के अनुसार टीएलपी ने 2021 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तब जमकर प्रदर्शन किए जब खुफिया एजेंसी आइएसआइ के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर हुआ विवाद सबके सामने आ गया। इस मुद्दे पर इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच की दरार जगजाहिर हो गई।